एलियस पर्वत-प्रदेश से चला गया और उसने शाफाट के पुत्र एलीसय के पास पहुँच कर उसे हल जोतते हुए पाया। उसने बारह जोड़ी बैल लगा रखे थे और वह स्वयं बारहवीं जोड़ी चला रहा था। एलियस ने उसकी बगल से गुजर कर उस पर अपनी चादर डाल दी। एलीसय ने अपने बैल छोड़ कर एलियस के पीछे दौड़ते हुए कहा, "मुझे पहले अपने माता-पिता का चुम्बन करने दीजिए, तब मैं आपके साथ चलूँगा।" एलियस ने उत्तर दिया, "जाओ, लौटो। तुम जानते ही हो कि मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है।" इस पर एलीसय लौटा। उसने एक जोड़ी बैल मारा, हल की लकड़ी जला कर उनका मांस पकाया और मजदूरों को खिलाया। मजदूरों के खाने के बाद एलीसय उठ खड़ा हुआ और एलियस का नौकर बन कर उसके पीछे हो लिया।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू ही मेरा भाग्य है।
1. हे प्रभु ! तुझ पर ही भरोसा है। तू मेरी रक्षा कर। मैं प्रभु से कहता हूँ, "तू ही मेरा ईश्वर है। हे प्रभु ! तू मेरा सर्वस्व और मेरा भाग्य है। तेरे ही हाथों में मेरा जीवन है।"
2. मैं अपने परामर्शदाता ईश्वर को धन्य कहूँगा। मेरा अन्तःकरण रात को भी मुझे मार्ग दिखलाता है। प्रभु सदा मेरी आँखों के सामने रहता है। वह मेरे दाहिने विद्यमान है, इसलिए मैं दृढ़ बना रहता हूँ।
3. मेरा हृदय आनन्दित है, मेरी आत्मा प्रफुल्लित है और मेरा शरीर भी सुरक्षित रहेगा; क्योंकि तू मेरी आत्मा को अधोलोक में नहीं छोड़ेगा, तू अपने भक्त को कब्र में गलने नहीं देगा।
अल्लेलूया ! हे ईश्वर ! अपने नियमों का प्रेम मेरे हृदय में रोपने और मुझे अपनी आज्ञाएँ सिखाने की कृपा कर। अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "तुम लोगों ने यह भी सुना है कि पूर्वजों से कहा गया है - झूठी शपथ मत खाओ। प्रभु के सामने खायी हुई शपथ पूरी करो। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ : शपथ कभी नहीं खानी चाहिए न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह ईश्वर का सिंहासन है; न पृथ्वी की, क्योंकि वह उसका पाँवदान है; न येरुसालेम की, क्योंकि वह राजाधिराज का नगर है और न अपने सिर की, क्योंकि तुम इसका एक भी बाल सफेद या काला नहीं कर सकते। तुम्हारी बात इतनी हो - हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। जो इस से अधिक है, वह बुराई से उत्पन्न होता है।"
प्रभु का सुसमाचार।