वर्ष का ग्यारहवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

प्रवक्ता-ग्रन्थ 48:1-14

"जब एलियस बवण्डर में ओझल हो गया, तो एलीसय को उसकी आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हुई।“

तब एलियस अग्नि की तरह प्रकट हुआ। उसकी वाणी धधकती मशाल के सदृश थी। उसने उनके देश में अकाल भेजा और अपने धर्मोत्साह में उनकी संख्या घटा दी। उसने प्रभु के वचन से आकाश के द्वार बन्द किये और तीन बार आकाश से अग्नि गिरायी। हे एलियस ! आप अपने चमत्कारों के कारण कितने महान् थे ! आपके सदृश होने का दावा कौन कर सकता है? आपने सर्वोच्च प्रभु की आज्ञा से एक मनुष्य को मृत्यु और अधोलोक से वापस बुलाया। आपने राजाओं का सर्वनाश किया और प्रतिष्ठित लोगों को गिरा दिया। आपने सीनय पर्वत पर दोषारोपण और होरेब पर्वत पर दण्डाज्ञा सुनी। आपने प्रतिशोध करने वाले राजाओं का और अपने उत्तराधिकारियों के रूप में नबियों का अभिषेक किया। आप अग्नि की आँधी में, अग्निमय अश्वों के रथ में आरोहित कर लिये गये। आपके विषय में लिखा है कि आप निर्धारित समय पर चेतावनी देने आयेंगे, जिससे ईश्वरीय प्रकोप भड़कने से पहले ही आप उसे शांत करें, पिता और पुत्र का मेल करायें और इस्स्राएल के वंशों का पुनरुद्धार करें। धन्य हैं वे, जिन्होंने आपके दर्शन किये, जो आपके प्रेम से सम्मानित हुए ! जब एलियस बवण्डर में ओझल हो गया, तो एलीसय को उसकी आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हुई। वह अपने जीवनकाल में किसी भी शासक से नहीं डरता था। कोई भी मनुष्य उसे अपने वश में नहीं कर सका। कोई भी कार्य उसकी शक्ति के परे नहीं था और मृत्यु के बाद भी उसके शरीर में नबी का सामर्थ्य विद्यमान था। उसने अपने जीवनकाल में चमत्कार और मृत्यु के बाद भी अपूर्व कार्य कर दिखाये।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 96:1-7

अनुवाक्य : हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ।

1. प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी प्रफुल्लित हो जाये, असंख्य द्वीप आनन्द मनायें। अंधकारमय बादल उसके चारों ओर मँडराते हैं। उसका सिंहासन सत्य और न्याय पर आधारित है।

2. अग्नि उसके आगे-आगे चलती है और उसके शत्रुओं को चारों ओर जलाती है। उसकी बिजली संसार पर चमकती है। पृथ्वी यह देख कर काँप उठती है।

3. पृथ्वी के अधिपति के आगमन पर पर्वत मोम की तरह पिघलते हैं। आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है। सभी राष्ट्र उसकी महिमा देखते हैं।

4. जो लोग अपनी देवमूर्तियों पर गौरव करते हैं, उन मूर्तिपूजकों को लज्जित होना पड़ेगा। सभी देवता प्रभु को दण्डवत् करें।

जयघोष

अल्लेलूया ! आप लोगों को गोद लिये हुए पुत्रों का मनोभाव मिला, जिस से प्रेरित हो कर हम पुकार कर कहते हैं, "अब्बा, हे पिता !" अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:7-15

"तुम इस प्रकार प्रार्थना किया करो।"

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "प्रार्थना करते समय गैरयहूदियों की तरह रट नहीं लगाओ। वे समझते हैं कि लम्बी-लम्बी प्रार्थनाएँ करने से हमारी सुनवाई होती है। उनके समान नहीं बनो, क्योंकि तुम्हारे माँगने से पहले ही तुम्हारा पिता जानता है कि तुम्हें किन-किन चीजों की जरूरत है। तो इस प्रकार प्रार्थना किया करो हे स्वर्ग में विराजमान् हमारे पिता ! तेरा नाम पवित्र माना जाये। तेरा राज्य आये। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में, वैसे पृथ्वी पर भी पूरी हो। आज हमारा प्रतिदिन का आहार हमें दे। हमारे अपराध क्षमा कर, जैसे हमने भी अपने अपराधियों को क्षमा किया है। और हमें परीक्षा में न डाल, बल्कि बुराई से हमें बचा।" "यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। परन्तु यदि तुम दूसरों को नहीं क्षमा करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा।"

प्रभु का सुसमाचार।