वर्ष का बारहवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

शोक गीत 2:2,10-14,18-19

वे येरुसालेम की चारदीवारी के सामने प्रभु की दुहाई देते थे।

प्रभु ने निर्दयतापूर्वक यूदा के सब घरों को नष्ट किया। उसने क्रोध के आवेश में आ कर यूदा के सब गढ़ों को ढा दिया। उसने उसके राज्य और उसके शासकों को अपमानित किया और मिट्टी में मिला दिया। सियोन के नेता टाट के कपड़े ओढ़े और सिर पर धूल डाले मौन हो कर धरती पर बैठे हुए हैं। येरुसालेम की कुमारियाँ सिर झुकाये बैठी रहती हैं। मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते बुझ गयी हैं। प्रजा की विपत्ति देख कर मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा हृदय पिघल रहा बालक और दुधमुँहे बच्चे नगर की गलियों में मर रहे हैं। वे अपनी माताओं से पूछते हैं, "रोटी कहाँ है?" वे घायलों की तरह नगर की गलियों में बेहोश हो जाते हैं और अपनी माता की गोद में प्राण त्याग देते हैं। हे येरुसालेम ! तू किसके सदृश है? मैं तेरी तुलना किस से करूँ? हे सियोन ! मैं किन शब्दों से तुझे सान्त्वना दूँ? तेरी विपत्ति समुद्र की तरह अपार है ! तुझे कौन बचा सकता है? तेरे नबियों ने तुझे असत्य और कपटपूर्ण दृश्य दिखाये। उन्होंने तेरे कल्याण के लिए तेरे पापों को तुझ पर प्रकट नहीं बारहवाँ सप्ताह - शनिवार किया। उन्होंने तुझे व्यर्थ और भ्रामक भविष्यवाणियाँ सुनायीं। तू सारे हृदय से प्रभु, सियोन के रक्षक, की दुहाई दे। तेरे आँसू रात-दिन नदी की तरह बहते रहें। तू प्रभु को निरन्तर रोते हुए याद कर। तू रात भर प्रभु की दुहाई दे। अपना हृदय पानी की तरह प्रभु के सामने बहा दे। अपने बच्चों के प्राण बचाने के लिए प्रभु के सामने हाथ उठा कर प्रार्थना कर। वे गलियों के नुक्कड़ों पर भूख के कारण बेहोश पड़े हुए हैं।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 73:1-7,20-21

अनुवाक्य : हे प्रभु ! सदा के लिए अपनी दीन-हीन प्रजा को न भुला।

1. हे ईश्वर ! क्या तूने हमें सदा के लिए त्याग दिया है? तू अपने चरागाह की भेड़ों पर क्रोध क्यों करता है? अपनी प्रजा को याद कर, जिसे तूने बहुत पहले चुना है, इस वंश को, जिसे तूने बचा कर अपना लिया है, सियोन के पर्वत को, जिसे तूने अपना निवास बनाया है।

2. इन पुराने खंडहरों पर दयादृष्टि कर। शत्रु ने पवित्र मंदिर को उजाड़ दिया। तेरे विरोधियों ने तेरे प्रार्थना-घर में हल्ला मचाया और मंदिर के प्रवेश-द्वार पर अपने विजयी झण्डे फहराये।

3. उन्होंने उसके सभी द्वार कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से चूर-चूर कर दिये। हे ईश्वर ! उन्होंने तेरा मंदिर जलाया और तेरा निवासस्थान ढा दिया है।

4. अपनी प्रतिज्ञा को याद कर। हम टूट गये हैं। हम पर सर्वत्र अत्याचार किया जा रहा है। ऐसा कर कि हमें अन्त तक लज्जित नहीं होना पड़े और कि दीन-हीन तथा दरिद्र प्रजा तुझे धन्य कहे।

जयघोष

अल्लेलूया ! उसने हमारी दुर्बलताओं को दूर कर दिया और हमारे रोगों को अपने ऊपर ले लिया। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार

"बहुत से लोग पूर्व और पश्चिम से आ कर इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ स्वर्गराज्य के भोज में सम्मिलित होंगे।"

येसु कफ़रनाहूम में प्रवेश कर ही रहे थे कि एक शतपति उनके पास आया और यह कह कर विनय करने लगा, "प्रभु ! मेरा नौकर घर में पड़ा हुआ है। उसे लकवा हो गया है और वह घोर पीड़ा सह रहा है।" येसु ने उस से कहा, “मैं आ कर उसे चंगा कर दूँगा।" शतपति ने उत्तर दिया, "प्रभु ! मैं इस योग्य नहीं हूँ कि आप मेरे यहाँ आयें। आप एक ही शब्द कह दीजिए और मेरा नौकर चंगा हो जायेगा। मैं एक छोटा-सा अधिकारी हूँ। मेरे अधीन सिपाही रहते हैं। जब मैं एक से कहता हूँ - जाओ, तो वह जाता है और दूसरे से आओ, तो वह आता है और अपने नौकर से- यह करो, तो वह यह करता है।" येसु यह सुन कर चकित हो गये और उन्होंने अपने पीछे आने वालों से कहा, “मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ इस्राएल में भी मैंने किसी में इतना दृढ़ विश्वास नहीं पाया।" "मैं तुम से कहता हूँ - बहुत-से लोग पूर्व और पश्चिम से आ कर इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ स्वर्गराज्य के भोज में सम्मिलित होंगे, परन्तु राज्य की प्रजा को बाहर, अंधकार में फेंक दिया जायेगा। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे।" शतपति से येसु ने कहा, "जाइए। आपने जैसा विश्वास किया, वैसा ही हो जाये।" और उसी घड़ी उसका नौकर चंगा हो गया। पेत्रुस के घर पहुँच कर येसु को पता चला कि पेत्रुस की सास बुखार में पड़ी हुई है। उन्होंने उसका हाथ स्पर्श किया और उसका बुखार जाता रहा और वह उठ कर उनका सेवा-सत्कार करने लगी। संध्या होने पर लोग बहुत-से अपदूतग्रस्तों को येसु के पास ले आये। येसु ने शब्द मात्र कह कर अपदूतों को निकाला और सब रोगियों को चंगा किया। इस प्रकार नबी इसायस का यह कथन पूरा हुआ उसने हमारी दुबर्लताओं को दूर कर दिया और हमारे रोगों को अपने ऊपर ले लिया।

प्रभु का सुसमाचार।