वर्ष का तेरहवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी आमोस का ग्रन्थ 7:10-17

"जाओ ! मेरी प्रजा इस्राएल के लिए भविष्यवाणी करो।"

बेतेल के याजक अमस्या ने इस्राएल के राजा यरोबआम के पास यह संदेश भेजा, "इस्राएल में ही आमोस आपके विरुद्ध षड्यन्त्र रच रहा है। देश उसके भाषण सह नहीं सकता, क्योंकि आमोस ने यह कहा है – यरोबआम तलवार के घाट उतारा जायेगा और इस्राएल अपने स्वदेश से निर्वासित किया जायेगा।" बेतेल के याजक अमस्या ने आमोस से कहा, "ऐ नबी ! यहाँ से चले जाओ। यूदा के देश भाग जाओ। वहाँ भविष्यवाणी करते हुए अपनी जीविका चलाओ। बेतेल में भविष्यवाणी करना बन्द करो। क्योंकि यह तो राजकीय पुण्य-स्थान है, यह राजमंदिर है।" आमोस ने अमस्या को यह उत्तर दिया, "मैं न तो नबी था और न नबी की सन्तान। मैं चरवाहा था और गुलर के पेड़ छाँटने वाला। मैं झुण्ड चरा ही रहा था कि प्रभु ने मुझे बुलाया और मुझ से यह कहा, 'जाओ ! मेरी प्रजा इस्राएल के लिए भविष्यवाणी करो'। अब तुम प्रभु की वाणी सुनो। तुम तो कहते हो - इस्राएल के विरुद्ध भविष्यवाणी मत करो, इसहाक के वंश के विरुद्ध बकवाद मत करो। किन्तु प्रभु यह कहता है - तुम्हारी पत्नी यहाँ नगरवधू बन जायेगी, तुम्हारे पुत्र-पुत्रियाँ तलवार के घाट उतार दिये जायेंगे और तुम्हारी भूमि जरीब द्वारा बाँट दी जायेगी। तुम स्वयं एक अपवित्र देश में मरोगे और इस्त्राएल अपने स्वदेश से निर्वासित किया जायेगा।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 18:8-11

अनुवाक्य : प्रभु के निर्णय सच्चे हैं; वे सब के सब न्यायसंगत हैं।

1. प्रभु का नियम सर्वोत्तम है; वह आत्मा में नवजीवन का संचार करता है। प्रभु की शिक्षा विश्वसनीय है; वह अज्ञानियों को समझदार बना देती है।

2. प्रभु के उपदेश सीधे-सादे हैं; वे हृदय को आनन्दित कर देते हैं। प्रभु की आज्ञाएँ स्पष्ट हैं; वे आँखों को ज्योति प्रदान करती हैं।

3. प्रभु की वाणी परिशुद्ध है; वह अनन्तकाल तक बनी रहती है। प्रभु के निर्णय सच्चे हैं; वे सब के सब न्यायसंगत हैं।

4. वे सोने से अधिक वांछनीय हैं, परिष्कृत सोने से भी अधिक वांछनीय। वे मधु से अधिक मधुर हैं, छत्ते से टपकने वाले मधु से भी अधिक मधुर।

जयघोष

अल्लेलूया ! ईश्वर ने मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और उस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 9:1-8

"वे ईश्वर की स्तुति करने लगे, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार प्रदान किया है।"

येसु नाव पर बैठ गये और समुद्र पार करें अपने नगर आये। उस समय कुछ लोग खाट पर पड़े हुए एक अर्धांगरोगी को उनके पास ले आये। उनका विश्वास देख कर येसु ने अर्धांगरोगी से कहा, "बेटा, ढारस रखो ! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं।" कुछ शास्त्री मन-ही-मन सोचने लगे यह ईश-निन्दा करता है। उनके ये विचार जान कर येसु ने कहा, "तुम लोग अपने मन में बुरे विचार क्यों लाते हो? अधिक सहज क्या है यह कहना, 'तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं' अथवा यह कहना, 'उठो और चलो-फिरो'; किन्तु इसलिए कि तुम लोग यह जान लो कि मानव पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार मिला है" तब वह अर्धांगरोगी से बोले "उठो और अपनी खाट उठा कर घर जाओ।" और वह उठ कर अपने घर चला गया। यह देख कर लोगों पर भय छा गया और वे ईश्वर की स्तुति करने लगे, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार प्रदान किया है।

प्रभु का सुसमाचार।