राजा उज्जीया के देहान्त के वर्ष, मैंने प्रभु को एक ऊँचे सिंहासन पर बैठा हुआ देखा। उसके वस्त्र का पल्ला मंदिर का पूरा फ़र्श ढक देता था। उसके ऊपर सेराफ़ीम विराजमान थे, उनके छह-छह पंख थे और वे एक दूसरे को पुकार कर यह कहते थे, "पवित्र, पवित्र, पवित्र है, विश्वमंडल का प्रभु ! उसकी महिमा समस्त पृथ्वी में व्याप्त है !" पुकारने वाले की आवाज से प्रवेश-द्वार की नींव हिल उठी और मंदिर धुएँ से भर गया। मैंने कहा, "हाय ! हाय ! मैं नष्ट हुआ; क्योंकि मैं तो अशुद्ध होंठों वाला मनुष्य हूँ, अशुद्ध होंठों वाले मनुष्यों के बीच रहता हूँ और मैंने विश्वमंडल के प्रभु, राजाधिराज को अपनी आँखों से देखा है।" एक सेराफ़ीम उड़ कर मेरे पास आया। उसके हाथ में एक अंगार था, जिसे उसने चिमटे से बेदी पर ले लिया था। उस से मेरा मुँह छू कर उसने कहा, "देखिए, अंगार ने आपके होंठों का स्पर्श किया है। आपका पाप दूर हो गया और आपका अधर्म मिट गया है।" तब मुझे प्रभु की वाणी यह कहते हुए सुनाई पड़ी, "मैं किसे भेजूँ? हमारा संदेशवाहक कौन होगा?" और मैंने उत्तर दिया, "मैं प्रस्तुत हूँ। मुझ को भेज।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु, प्रताप से विभूषित हो कर, राज्य करता है।
1. प्रभु, प्रताप से विभूषित हो कर, राज्य करता है। उसने सामर्थ्य धारण कर लिया है। 1
2. तूने पृथ्वी को सुदृढ़ और सुस्थिर बनाया है। तेरा सिंहासन प्रारंभ से ही सुदृढ़ है। हे प्रभु! तू अनादि काल से विद्यमान है।
3. हे प्रभु ! तेरे आदेश अपरिवर्तनीय हैं। तेरे मंदिर की पवित्रता अनन्तकाल तक बनी रहेगी।
अल्लेलूया ! यदि मसीह के नाम के कारण आप लोगों का अपमान किया जाये, तो अपने को धन्य समझिए, क्योंकि यह इसका प्रमाण है कि ईश्वर का आत्मा आप पर छाया रहता है। अल्लेलूया !
येसु ने अपने प्रेरितों से यह कहा, "न शिष्य गुरु से बड़ा होता है और न सेवक अपने स्वामी से। शिष्य के लिए अपने गुरु जैसा और सेवक के लिए अपने स्वामी जैसा बन जाना ही बहुत है। यदि लोगों ने घर के मालिक को बेलज़ेबुल कहा है, तो वे उसके घर वालों को क्या नहीं कहेंगे?" "इसलिए उन से नहीं डरो। ऐसा कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा और ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा। मैं जो कुछ तुम से अँधेरे में कहता हूँ, उसे तुम उजाले में सुनाओ। जो तुम्हें फुसफुसाहटों में कहा जाता है, उसे तुम पुकार-पुकार कर कह दो।" "उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किन्तु आत्मा को नहीं मार सकते हैं; बल्कि उस से डरो, जो शरीर और आत्मा, दोनों का नरक में सर्वनाश कर सकता है।" "क्या एक पैसे में दो गौरैयाँ नहीं बिकती? फिर भी तुम्हारे पिता के अनजान में उन में से एक भी धरती पर नहीं गिरती। हाँ, तुम्हारे सिर का बाल-बाल गिना हुआ है। इसलिए नहीं डरो। तुम बहुतेरी गौरैयों से बढ़ कर हो।" "जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने स्वीकार करूँगा और जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने अस्वीकार करूँगा।"
प्रभु का सुसमाचार।