वर्ष का पन्द्रहवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी इसायस का ग्रन्थ 38:1-6,21-22,7-8

"मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी और तुम्हारे आँसू देखे।"

उन दिनों हिजकीया इतना बीमार पड़ा कि वह मरने को हो गया। आमोस के पुत्र नबी इसायस ने उनके यहाँ जा कर कहा, "प्रभु यह कहता है- अपने घर-बार की समुचित व्यवस्था कीजिए, क्योंकि आपकी मृत्यु होने वाली है। आप अच्छे नहीं हो सकेंगे।" हिजकीया ने दीवार की ओर मुँह कर प्रभु से यह प्रार्थना की, "हे प्रभु ! कृपया याद कर कि मैं ईमानदारी और सच्चे हृदय से तेरी सेवा करता रहा और जो तुझे प्रिय है, वही करता रहा।" और हिजकीया फूट-फूट कर रोने लगा। प्रभु की वाणी इसायस को यह कहते हुए सुनाई पड़ी, "हिजकीया के पास जा कर कहो - तुम्हारे पूर्वजों का प्रभु-ईश्वर यह कहता है; मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी और तुम्हारे आँसू देखे। मैं तुम्हारी आयु पन्द्रह वर्ष बढ़ा दूँगा। मैं तुम को और इस नगर को अस्सूर के राजा के हाथ से छुड़ाऊँगा और इस नगर की रक्षा करूँगा।" इसायस ने कहा, "अंजीर की रोटी ला कर फोड़े पर रख दो और वह अच्छा हो जायेगा।" हिजकीया ने पूछा, "मैं यह कैसे जान सकता हूँ कि मैं फिर प्रभु के मंदिर जाऊँगा?" इसायस ने उत्तर दिया, "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा पूरी करेगा। इसका चिह्न यह होगा की छाया देखो। वह छाया सीढ़ी पर उतर रही है। मैं उसे दस सोपान तक ऊपर चढ़ाऊँगा। चुका था वहाँ वह दस सोपान तक पीछे हट गया।

भजन : इसायाह 38:10-12,16

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तूने मृत्यु के गर्त्त से मुझे बचा लिया है।

1. मैंने कहा था, "मेरा जीवन आधा ही बीता और मुझे चल जाना है। मुझे अपने जीवन के शेष वर्ष अधोलोक में बिताने होंगे।"

2. मैंने कहा था, "मैं अब जीवितों के देश में ईश्वर के दर्शन फिर नहीं कर पाऊँगा। मैं इस संसार में फिर मनुष्यों को नहीं देख सकूँगा।"

3. मेरा घर चरवाहों के तम्बू की तरह उठा लिया गया। तूने जुलाहे की तरह मेरा जीवन लपट लिया और करघे से काट दिया।

4. हे प्रभु ! मेरा हृदय तेरे लिए जीवित रहेगा, मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती रहेगी, क्योंकि तूने मुझे चंगा किया और मुझे जीवन प्रदान किया है।

जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं।" अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:1-8

"मानव पुत्र विश्राम के दिन का स्वामी है।"

येसु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्यों को भूख लगी और वे बालें तोड़-तोड़ कर खाने लगे। यह देख कर फ़रीसियों ने येसु से कहा, "देखिए, जो काम विश्राम के दिन मना है, आपके शिष्य वही कर रहे हैं।" येसु ने उन से कहा, "क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथियों को भूख लगी, तो दाऊद ने क्या किया था? उसने ईश-मंदिर में जा कर भेंट की रोटियों को खाया। याजकों को छोड़ न तो उसे उन्हें खाने की आज्ञा थी और न उसके साथियों को। अथवा क्या तुम लोगों ने संहिता में यह नहीं पढ़ा कि याजक विश्राम के दिन का नियम तोड़ते तो हैं, पर दोषी नहीं होते?" "अब मैं तुम से कहता हूँ यहाँ वह है, जो मंदिर से भी महान् है। मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ – इसका अर्थ यदि तुम लोगों ने समझ लिया होता, तो निर्दोषों को दोषी नहीं ठहराया होता; क्योंकि मानव पुत्र विश्राम के दिन का स्वामी है।"

प्रभु का सुसमाचार।