वर्ष का सत्रहवाँ सप्ताह, सोमवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी येरेमियस का ग्रन्थ 13:1-11

"यह प्रजा इस पेटी की तरह किसी काम की नहीं रहेगी।"

प्रभु ने मुझ से यह कहा, "तुम जा कर छालटी की पेटी खरीदो और कमर में बाँध लो, किन्तु उसे पानी में नहीं डुबाओगे।" सत्रहवाँ सप्ताह सोमवार मैंने प्रभु के आदेशानुसार पेटी खरीद कर कमर में बाँध ली। प्रभु ने मुझ से दूसरी बार कहा, "तुमने जो पेटी खरीदी, उसे कमर में बाँध कर तुरन्त फरात नदी जाओ और उसे वहाँ किसी चट्टान की दरार में छिपा दो।" मैंने प्रभु के आदेशानुसार फरात जा कर वहाँ पेटी छिपा दी। बहुत समय बाद प्रभु ने मुझ से कहा, "फरात जा कर वह पेटी ले आओ, जिसे तुमने मेरे आदेशानुसार वहाँ छिपा दिया।" मैंने फरात जा कर उस जगह का पता लगाया, जहाँ मैंने पेटी छिपायी थी। मैंने उसे निकाल कर देखा कि वह बिगड़ गयी थी और किसी काम की नहीं रह गयी थी। तब प्रभु की वाणी मुझे यह कहती हुई सुनाई पड़ी-प्रभु यह कहता है: मैं इसी प्रकार यूदा और येरुसालेम की महिमा नष्ट हो जाने दूँगा। यह दुष्ट प्रजा मेरी एक भी नहीं सुनना चाहती और हठपूर्वक अपनी राह चलती है। वह दूसरे देवताओं के अनुयायी बन कर उनकी उपासना और आराधना करती है। इसलिए वह इस पेटी की तरह किसी काम की नहीं रहेगी। क्योंकि, जिस तरह पेटी मनुष्य की कमर में कस कर बाँधी जाती है, उसी तरह मैंने समस्त इस्त्राएल और यूदा को अपने से बाँध लिया था, जिससे वे मेरी प्रजा, मेरा गौरव, मेरी कीर्ति और मेरी शोभा बन जायें। किन्तु उन्होंने मेरी एक भी नहीं सुनी।

प्रभु की वाणी।

भजन : विधि-विवरण 32:18-21

अनुवाक्य : तुम लोगों ने अपने सृष्टिकर्ता ईश्वर को भुला दिया।

1. जिस चट्टान से तुम्हारी उत्पत्ति हुई है, उसे तुम भूल गये। तुमने अपने सृष्टिकर्ता ईश्वर को भुला दिया। ईश्वर ने यह देखा और क्रुद्ध हो कर उसने अपने पुत्र-पुत्रियों को त्याग दिया।

2. उसने कहा, "मैं उन से अपना मुँह फेर लूँगा और यह देखूँगा कि उनका क्या होगा। क्योंकि यह एक दुष्ट पीढ़ी है, यह एक विश्वासघाती सन्तति है।"

3. "ऐसे देवताओं को मान कर जो ईश्वर नहीं हैं, उन्होंने मुझे चिढ़ाया, तुच्छ देवमूर्तियों की पूजा कर उन्होंने मेरा अनादर किया। इसलिए मैं ऐसे लोगों द्वारा उन्हें चिढ़ाऊँगा, जो मेरी प्रजा नहीं हैं, मैं एक तुच्छ राष्ट्र द्वारा उनका अनादर कराऊँगा।"

जयघोष

अल्लेलूया ! पिता ने अपनी ही इच्छा से, सत्य की शिक्षा द्वारा, हम को जीवन प्रदान किया, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्टि के प्रथम फल बन जायें। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:31-35

"राई का दाना ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पंछी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं।"

येसु ने लोगों के सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया, "स्वर्ग का राज्य राई के दाने के सदृश है, जिसे एक मनुष्य ने लिया और अपने खेत में बोया। यह तो सब बीजों से छोटा है, परन्तु बढ़ कर सब पौधों से बड़ा हो जाता है और ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पंछी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं।" येसु ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया, "स्वर्ग का राज्य उस खमीर के सदृश है, जिसे एक स्त्री ने ले कर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और सारा आटा खमीरा हो गया।" येसु दृष्टान्तों में ही ये सब बातें लोगों को समझाते थे। बिना दृष्टान्त के वह उन से कुछ नहीं कहते थे, जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाये - मैं दृष्टान्तों में बोलूँगा। पृथ्वी के आरम्भ से जो गुप्त रहा, उसे मैं प्रकट करूँगा।

प्रभु का सुसमाचार।