वर्ष का सत्रहवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी येरेमियस का ग्रन्थ 26:1-9

"सब लोगों ने प्रभु के मंदिर में येरेमियस को घेर लिया।"

योशीया के पुत्र यूदा के राजा यहोयाकीम के शासनकाल के प्रारंभ में येरेमियस को प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ी : "प्रभु यह कहता है। प्रभु के मंदिर के प्रांगण में खड़ा हो कर यूदा के सब नगरों के निवासियों को संबोधित करो, जो वहाँ आराधना करने आते हैं। जो कुछ मैं तुम्हें बताऊँगा, यह सब उन्हें सुनाओगे - एक शब्द भी नहीं छोड़ोगे। हो सकता है कि वे सुनें और अपना कुमार्ग छोड़ कर मेरे पास लौट आयें। तब मैं भी अपना मन बदल कर उनके पापों के कारण उस पर विपत्ति भेजने का अपना विचार छोड़ दूँगा। इसलिए उन से कहो, प्रभु यह कहता है - यदि तुम लोग मेरी बात नहीं सुनोगे और उस संहिता का पालन नहीं करोगे, जिसे मैंने तुम को दिया है; यदि तुम मेरे सेवकों की, उन नबियों की बात नहीं सुनोगे, जिन्हें मैं व्यर्थ ही तुम्हारे पास भेजता रहा, तब मैं इस मंदिर के साथ वही करूँगा, जो मैंने शिलो के साथ किया और मैं इस नगर की पृथ्वी के राष्ट्रों की दृष्टि में अभिशाप की वस्तु बना दूँगा।" याजकों, नबियों और सभी लोगों ने प्रभु के मंदिर में येरेमियस का यह भाषण सुना। जब येरेमियस प्रभु के आदेश के अनुसार जनता को यह सब सुना चुका था, तो याजक, नबी और सब लोग यह कहते हुए उस पर टूट पड़े : "तुम को मरना ही होगा। तुमने क्यों प्रभु के नाम पर भविष्यवाणी की है कि यह मंदिर शिलो के सदृश और यह नगर एक निर्जन खंडहर हो जायेगा?" सब लोगों ने प्रभु के मंदिर में येरेमियस को घेर लिया।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 68:5,8-10,14

अनुवाक्य : हे ईश्वर ! तू दयालु और सत्यप्रतिज्ञ है। तू मेरी सुनने की कृपा कर।

1. जो अकारण मुझ से बैर रखते हैं, उनकी संख्या मेरे सिर के बालों से भी अधिक है। जो अकारण मेरा विरोध करते हैं, वे मुझ से शक्तिशाली हैं। जो चीज मैंने चुरायी ही नहीं, उसे मुझे लौटाना पड़ता है।

2. तेरे ही कारण लोग मुझे ताना मारते और मेरा उपहास करते हैं। तेरे ही कारण मेरे भाई मुझे पराया समझते हैं और मैं अपनी माता के पुत्रों में परदेशी-सा बन गया हूँ; क्योंकि तेरे घर का उत्साह मुझे खा जाता है। तेरी निन्दा करने वाले मेरी निन्दा करते हैं।

3. हे प्रभु ! यही उपयुक्त समय है; मैं तुझ से प्रार्थना करता हूँ। हे ईश्वर ! तू दयालु और सत्यप्रतिज्ञ है। तू मेरी सुनने की कृपा कर।

जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु का वचन सदा ही बना रहता है, उस वचन का सुसमाचार आप लोगों को मिल गया है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:54-58

"क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं? यह सब इसे कहाँ से मिला?"

येसु अपने नगर आये और लोगों को उनके सभागृह में शिक्षा देने लगे। वे अचंभे में पड़ कर कहने लगे, "इसे यह ज्ञान और यह सामर्थ्य कहाँ से मिला? क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं है? क्या मरियम इसकी माँ नहीं? क्या याकूब, योसेफ, सिमोन और यूदस इसके भाई नहीं? क्या इसकी सब बहनें हमारे ही बीच नहीं रहतीं? तो यह सब इसे कहाँ से मिला?" और वे येसु में विश्वास नहीं कर सके। येसु ने उन से कहा, "अपने नगर और अपने घर में नबी का आदर नहीं होता।" लोगों के अविश्वास के कारण उन्होंने वहाँ बहुत कम चमत्कार दिखाये।

प्रभु का सुसमाचार।