प्रभु की वाणी यह कहती हुई सुनाई पड़ी, "मैं इस्राएल के सब वंशों का ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे। प्रभु यह कहता है : जो लोग तलवार से बच गये, उन्हें मरुभूमि में कृपा प्राप्त हो गयी है। जब इस्राएल विश्राम की खोज में आगे बढ़ रहा था, तो प्रभु उसे दूर से दिखाई पड़ा। मैं अनन्तकाल से तुम को प्यार करता आ रहा हूँ इसलिए मेरी कृपादृष्टि निरन्तर तुम पर बनी रही। हे कुमारी इस्राएल ! मैं तुम्हें फिर बनाऊँगा, और तुम्हारा नवनिर्माण हो जायेगा। तुम पैरों में नूपुर बाँध कर गाने-बजाने वालों के साथ नाचोगी। तुम फिर समारिया की पहाड़ियों पर दाखबारियाँ लगाओगी, और जो उन्हें लगाते हैं, वे उनके फल खायेंगे। वह दिन आ रहा है जब एफ्राईम के पहाड़ी प्रदेश के पहरेदार यह पुकार कर कहेंगे "आओ ! हम सियोन चलें, हम अपने प्रभु-ईश्वर के पास जायें।" क्योंकि प्रभु यह कहता है- याकूब के लिए आनन्द के गीत गाओ। जो राष्ट्रों में श्रेष्ठ है, उसका जयकार करो, उसका स्तुतिगान सुनाओ और पुकार कर कहो : प्रभु ने अपनी प्रजा का, इस्राएल के बचे हुए लोगों का उद्धार किया है।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : चरवाहा जिस तरह अपने झुण्ड की रक्षा करता है, उसी तरह प्रभु हमारी रक्षा करेगा।
1. हे राष्ट्रो ! प्रभु का वचन सुनो। सुदूर द्वीपों तक यह घोषित करो - "जिसने इस्राएल को बिखेरा, वही उसे एकत्र करेगा और उसकी रक्षा करेगा, जैसा कि चरवाहा अपने झुण्ड की रक्षा करता है।"
2. क्योंकि प्रभु ने याकूब का उद्धार किया और उसे उसके शक्तिशाली शत्रु के पंजे से छुड़ाया। वे लौट कर सियोन पर्वत पर आनन्द के गीत गायेंगे और प्रभु को दान देने आयेंगे।
3. तब कुमारियाँ उल्लसित हो कर नृत्य करेंगी, नवयुवक और वृद्ध एक साथ आनन्द मनायेंगे। मैं उनका शोक आनन्द में बदल दूँगा और उन्हें सान्त्वना प्रदान करूँगा।
अल्लेलूया ! हमारे बीच महान् नबी उत्पन्न हुए हैं और ईश्वर ने अपनी प्रजा की सुध ली है। अल्लेलूया !
येसु ने वहाँ से विदा हो कर तीरुस और सिदोन प्रान्तों के लिए प्रस्थान किया। उस प्रदेश की एक कनानी स्त्री आयी और पुकार-पुकार कर कहने लगी, "हे प्रभु! दाऊद के पुत्र ! मुझ पर दया कीजिए। मेरी बेटी एक अपदूत द्वारा बुरी तरह सतायी जा रही है।" येसु ने उन्हें उत्तर नहीं दिया। उनके शिष्यों ने पास आ कर उन से यह निवेदन किया, "उसकी बात मान कर उसे विदा कर दीजिए, क्योंकि वह हमारे पीछे-पीछे चिल्लाती आ रही है।" येसु ने उत्तर दिया, "मैं केवल इस्राएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों के पास भेजा गया हूँ।" इतने में उस स्त्री ने आ कर येसु को दण्डवत् किया और कहा, "प्रभु ! मेरी सहायता कीजिए।" येसु ने उत्तर दिया, "बच्चों की रोटी ले कर पिल्लों के सामने डालना ठीक नहीं है।" उसने कहा, "जी हाँ, प्रभु ! फिर भी स्वामी की मेज से गिरा हुआ चूर पिल्ले खाते ही हैं।" इस पर येसु ने उत्तर दिया, "हे नारी ! तुम्हारा विश्वास महान् है। तुम्हारी इच्छा पूरी हो।" और उसी क्षण उसकी बेटी अच्छी हो गयी।
प्रभु का सुसमाचार।