वर्ष का अट्ठारहवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी येरेमियस का ग्रन्थ 31:31-34

“मैं एक नया विधान निर्धारित करूँगा। मैं उनके पापों को याद नहीं रखूँगा।"

प्रभु यह कहता है – वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल के घराने और यूदा के घराने के लिए एक नया विधान निर्धारित करूँगा। यह उस विधान की तरह नहीं होगा जिसे मैंने उस दिन उनके पूर्वजों के लिए निर्धारित किया था, जब मैंने उन्हें मिस्र से निकालने के लिए हाथ से पकड़ लिया था। उस विधान को उन्होंने भंग कर दिया, यद्यपि मैं उनका स्वामी था। वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए एक नया विधान निर्धारित करूँगा। प्रभु की यह वाणी है: मैं अपना नियम उनके अभ्यंतर में रख दूँगा, मैं उसे उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे। इसकी जरूरत नहीं रहेगी कि वे एक दूसरे को शिक्षा दें और अपने भाइयों से कहें - प्रभु का ज्ञान प्राप्त कर लीजिए, क्योंकि छोटे और बड़े, सब के सब मुझे जानेंगे। मैं उनके अपराध क्षमा कर दूँगा, मैं उनके पापों को याद नहीं रखूँगा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 50:12-15,18-19

अनुवाक्य : हे ईश्वर ! मेरा हृदय शुद्ध कर।

1. हे ईश्वर ! मेरा हृदय फिर शुद्ध कर और मेरा मन सुदृढ़ बना। अपने सान्निध्य से मुझे दूर न कर और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से नं हटा।

2. मुक्ति का आनन्द मुझे फिर प्रदान कर और उदारता में मेरा मन सुदृढ़ बना। मैं विधर्मियों को तेरे मार्ग की शिक्षा दूँगा और पापी तेरे पास लौट आयेंगे।

3. तू बलिदान से प्रसन्न नहीं होता; यदि मैं होम चढ़ाता, तो तू उसे स्वीकार नहीं करता। मेरा पश्चात्ताप ही मेरा बलिदान होगा। तू पश्चात्तापी दीन-हीन हृदय का तिरस्कार नहीं करेगा।

जयघोष

अल्लेलूया ! तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 16:13-23

"तुम पेत्रुस हो। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा।"

येसु ने कैसरिया फ़िलिपी प्रदेश पहुँच कर अपने शिष्यों से पूछा, "मानव पुत्र कौन है, इसके विषय में लोग क्या कहते हैं?" उन्होंने उत्तर दिया, "कुछ लोग कहते हैं योहन बपतिस्ता; कुछ लोग कहते हैं- एलियस; और कुछ लोग कहते हैं येरेमियस अथवा नबियों में से कोई।" इस पर येसु ने कहा, "और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?" सिमोन पेत्रुस ने उत्तर दिया, "आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं।" इसपर येसु ने उस से कहा, "सिमोन, योनस के पुत्र ! तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है। मैं तुम से कहता हूँ कि तुम पेनुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा। तुम पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी।" इसके बाद येसु ने अपने शिष्यों को कड़ी चेतावनी दी कि तुम लोग किसी को भी यह नहीं बताओ कि मैं मसीह हूँ। उस समय से येसु अपने शिष्यों को यह समझाने लगे कि मुझे येरुसालेम जाना होगा; नेताओं, महायाजकों और शास्त्रियों की ओर से बहुत दुःख उठाना, मार डाला जाना और तीसरे दिन जी उठना होगा। पेत्रुस येसु को अलग ले गया और उन्हें यह कह कर समझाने लगा, "ईश्वर ऐसा न करे, प्रभु ! यह आप पर कभी नहीं बीतेगी।" इस पर येसु ने मुड़ कर पेत्रुस से कहा, "हट जाओ, शैतान ! तुम मेरे रास्ते में बाधा बन रहे हो। तुम ईश्वर की बातें नहीं, बल्कि मनुष्यों की बातें सोचते हो।"

प्रभु का सुसमाचार।