वर्ष का अट्ठारहवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

नबी हबक्कूक का ग्रन्थ 1:12-2,4

"धर्मी अपनी ईमानदारी के कारण सुरक्षित रहेगा।"

हे प्रभु ! क्या तू प्राचीन काल से मेरा परमपावन अमर्त्य ईश्वर नहीं है? हे प्रभु ! तूने अपनी दण्डाज्ञा को पूरा करने के लिए उस खल्दैयी जाति को नियुक्त किया है। हे हमारी चट्टान ! तूने हमें दण्डित करने के लिए उसे खड़ा किया है। बुराई तेरी पवित्र आँखों में गड़ती है, अन्याय तुझ से नहीं देखा जाता। तो, तू दुष्टों का विश्वासघात क्यों सहता है? जब वे धर्मियों को निगल जाते हैं, तो तू यह देख कर क्यों चुप रहता है? तू मनुष्यों के साथ ऐसा व्यवहार करता है, मानो वे समुद्र की मछलियाँ हों अथवा रेंगने वाले जीव-जन्तु, जिनका कोई स्वामी नहीं। खल्दैयी उन्हें कँटिया से निकालता, जाल से खींच लेता और अपने टोकरे में जमा करता है। तब वह उल्लसित हो कर आनन्द मनाता है, अपने जाल की पूजा करता और अपने टोकरे को धूप चढ़ाता है, क्योंकि इसके सहारे वह शिकार फँसाता और अपनी जीविका चलाता है। क्या वह सदा अपनी तलवार खींच कर निर्दयतापूर्वक राष्ट्रों का वध करता रहेगा? मैं अपनी चौकी पर खड़ा हो जाऊँगा, मैं चारदीवारी पर चढ़ कर प्रतीक्षा करता रहूँगा, कि प्रभु मुझ से क्या कहेगा और मेरी शिकायतों का क्या उत्तर देगा। प्रभु ने उत्तर में मुझ से यह कहा, "जो दृश्य तुम देखने वाले हो, उसे स्पष्ट रूप से पाटियों पर लिखो, ताकि सब उसे सुगमता से पढ़ सकें; क्योंकि वह भविष्य का दृश्य है, जो निश्चित समय पर पूरा होने वाला है। यदि उस में देर हो जाये, तो उसकी प्रतीक्षा करते रहो, क्योंकि वह अवश्य ही पूरा हो जायेगा। जो दुष्ट है, वह नष्ट हो जायेगा। जो धर्मी है, वह अपनी धार्मिकता के कारण सुरक्षित रहेगा।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 9: 8-13

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू अपने शरणागतों को कभी नहीं त्याग देगा।

1. प्रभु का राज्य सदा बना रहेगा। वह अपने न्यायासन पर विराजमान है वह न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा, वह सच्चाई से लोगों का विचार करेगा।

2. प्रभु पददलितों का आश्रयदाता है, संकट के समय वह शरणस्थान है। हे प्रभु ! जो तेरा नाम जानते हैं, वे तुझ पर भरोसा रखते हैं। तू अपने शरणागतों को कभी नहीं त्याग देगा।

3. सियोन में निवास करने वाले प्रभु की स्तुति करो, राष्ट्रों में उसके महान् कार्यों का बखान करो। हत्यारों को दण्ड देने वाला प्रभु अपनी प्रजा याद करता और दरिद्रों की दुहाई नहीं भुला देता है।

जयघोष

अल्लेलूया ! हमारे मुक्तिदाता और मसीह ने मृत्यु का विनाश किया और अपने सुसमाचार द्वारा अमर जीवन को आलोकित किया है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 17:14-20

"यदि तुम विश्वास करो, तो तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा।"

जब वे लोग जनसमूह के पास पहुँचे, तो एक मनुष्य आया और येसु के सामने घुटने टेक कर कहने लगा, "प्रभु ! मेरे बेटे पर दया कीजिए। उसे मिरगी का दौरा हुआ करता है। उसकी हालत बहुत खराब है और वह अकसर आग या पानी में गिर जाता है। मैं उसे आपके शिष्यों के पास लाया, किन्तु वे उसे चंगा नहीं कर सके।" येसु ने कहा, "रे अविश्वासी और दुष्ट पीढ़ी ! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हें सहता रहूँ? उस लड़के को यहाँ ले आओ।" येसु ने अपदूत को डाँटा और वह लड़के से निकल गया। वह लड़का उसी घड़ी चंगा हो गया। बाद में शिष्यों ने एकान्त में येसु के पास आ कर पूछा, "हम लोग उसे क्यों नहीं निकाल सके?" येसु ने उन से कहा, "अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से कहे देता हूँ- यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो और तुम इस पहाड़ से यह कहो, यहाँ से वहाँ तक हट जा, तो यह हट जायेगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा।"

प्रभु का सुसमाचार।