वर्ष का उन्नीसवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

नबी एज़ेकिएल का ग्रन्थ 9:1-7,10,18-22

“येरुसालेम में हो रहे बीभत्स कर्मों के कारण विलाप करने वालों के मस्तक पर ताव अक्षर का चिह्न।”

मैंने प्रभु को ऊँचे स्वर से यह कहते सुना, “जो नगर को दण्ड देने के लिए नियुक्त हैं, वे विनाश के शस्त्र हाथ में लिये निकट आ रहे हैं।” इस पर उत्तर के ऊपरी फाटक से हो कर छह व्यक्ति आ गये नगर का विनाश करने के लिए उनके हाथ में शस्त्र थे। उन में से एक छालटी के कपड़े पहने था और उसके कमरबन्द में लेखन-सामग्री की थैली लटक रही थी। वे आ कर पीतल की वेदी के पास खड़े हो गये। तब इस्राएल के ईश्वर की महिमा, जो केरुबों के ऊपर विराजमान थी, ऊपर उठ कर मंदिर की देहली पर आ गयी। प्रभु ने छालटी के कपड़े पहने मनुष्य से, जिसके कमरबन्द से लेखन-सामग्री की थैली लटक रही थी, कहा: “नगर के आरपार जाओ, सारे येरुसालेम में घूम कर उन लोगों का पता लगाओ, जो वहाँ हो रहे बीभत्स कर्मों के कारण रोते और विलाप करते हैं और उनके मस्तक पर ताव अक्षर का चिह्न अंकित करो।” मैंने उसे दूसरों से यह कहते सुना, “इसके पीछे-पीछे चलो और सभी निवासियों को दया किये बिना मारो। कोई बचने न पाये। तुम बूढ़ों, नवयुवकों और नवयुवतियों को, दुधमुँहे बच्चों और स्त्रियों को दया किये बिना मारो। किन्तु जिन पर ताव अक्षर का चिह्न अंकित है, उन पर हाथ मत लगाओ। मंदिर से शुरू करो।” उन्होंने पहले मंदिर के सामने के बूढ़ों को मार डाला। तब उसने उन से कहा, “मंदिर को अपवित्र करो और प्रांगण को लाशों से भर दो। इसके बाद नगर जा कर लोगों का वध कर दो।” तब प्रभु की महिमा मंदिर की देहली से उठ कर केरुबों पर उतरी। केरुब पंख फैला कर मेरे देखते जमीन के ऊपर उठे और पहिये भी उनके साथ चले गये। वे मंदिर के पूर्वी द्वार के पास उतरे और इस्राएल के ईश्वर की महिमा उनके ऊपर विराजमान रही। वे वेही प्राणी थे, जिन्हें मैंने कबार नदी के पास रहते समय इस्राएल के ईश्वर के नीचे देखा था और तब मैं समझा कि वे केरुब थे। प्रत्येक के चार मुख और प्रत्येक के चार पंख थे और उनके पंखों के नीचे मनुष्य के जैसे हाथ थे। उनके मुख की वही आकृति थी, जिसे मैंने कबार के पास देखा था और प्रत्येक अपने सामने सीधे आगे बढ़ता जा रहा था।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 112:1-6

अनुवाक्य : प्रभु की महिमा आकाश से भी ऊँची है।

1, प्रभु के सेवको ! स्तुति करो ! प्रभु के नाम की स्तुति करो। धन्य है प्रभु का नाम, अभी और अनन्तकाल तक !

2. सूर्योदय से ले कर सूर्यास्त तक प्रभु के नाम की स्तुति हो। प्रभु सभी राष्ट्रों का शासक है। उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है।

3. हमारे प्रभु-ईश्वर के सदृश कौन? वह उच्च सिंहासन पर विराजमान हो कर स्वर्ग और पृथ्वी, दोनों पर दृष्टि रखता है।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! ईश्वर ने मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और उस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 18:15-20

"यदि वह तुम्हारी बात मान जाता है, तो तुमने अपने भाई को बचा लिया।"

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "यदि तुम्हारा भाई कोई अपराध करता है, तो जा कर उसे अकेले में समझाओ। यदि वह तुम्हारी बात मान जाता है, तो तुमने अपने भाई को बचा लिया। यदि वह तुम्हारी बात नहीं मानता, तो और दो-एक व्यक्तियों को साथ ले जाओ ताकि दो या तीन गवाहों के सहारे सब कुछ प्रमाणित हो जाये। यदि वह उनकी भी नहीं सुनता, तो कलीसिया को बता दो और यदि वह कलीसिया की भी नहीं सुनता, तो उसे गैरयहूदी और नाकेदार जैसा समझो।" "मैं तुम से कहे देता हूँ तुम लोग पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी। "मैं तुम से यह भी कहे देता हूँ- यदि पृथ्वी पर तुम लोगों में से दो व्यक्ति एकमत हो कर कुछ भी माँगेंगे, तो वह उन्हें मेरे स्वर्गिक पिता की ओर से निश्चय ही मिलेगा; क्योंकि जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच उपस्थित रहता हूँ।"

प्रभु का सुसमाचार।