वर्ष का बीसवाँ सप्ताह, सोमवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

नबी एज़ेकिएल का ग्रन्थ 24:15-24

"एज़ेकिएल तुम्हारे लिए एक चिह्न होगा। उसने जैसा किया, तुम लोग ऐसा ही करोगे।"

प्रभु की वाणी मुझे यह कहती हुई सुनाई दी, "मनुष्य के पुत्र ! तुम जिसे प्यार करते हो, मैं उसे आकस्मिक मृत्यु द्वारा तुम से अलग कर दूँगा। किन्तु तुम न तो शोक मनाओ, न विलाप करो और न रोओ। तुम अपना दुःख पी कर चुप रहो और मृतक के लिए मातम मत मनाओ। तुम पगड़ी बाँधो, जूते पहनो, अपना मुँह मत ढको और जो रोटी लोग देने आते हैं, उसे मत खाओ।" मैं प्रातः लोगों को संबोधित किया और उसी शाम को मेरी पत्नी चल बसी। दूसरे दिन, जो मुझ से कहा गया था, मैंने वही किया। लोगों ने मुझ से कहा, "हमें बताइए कि हमारे लिए आपके आचरण का क्या अर्थ है।" मैंने उत्तर दिया, "प्रभु ने मुझ से यह कहा : इस्राएलियों से कहो यह प्रभु-ईश्वर की वाणी है। मैं अपने मंदिर को अपवित्र कर दूँगा, जो तुम्हारे घमण्ड का कारण है। वह तुम्हारी आँखों की ज्योति और तुम्हारी आत्माओं का आनन्द है। तुम्हारे पुत्र-पुत्रियाँ, जिन्हें तुम छोड़ गये हो, तलवार के घाट उतार दिये जायेंगे। तब तुम लोगों को वही करना होगा, जो मैंने किया। तुम अपना मुँह मत ढको और लोग जो रोटी तुम्हें देने आते हैं, उसे मत खाओ। अपनी पगड़ी बाँधे रखो और जूते पहने रहो। तुम शोक नहीं मनाओ और नहीं रोओ। तुम अपने पापों के कारण गल जाओगे और एक दूसरे के सामने कराहते रहोगे। एज़ेकिएल तुम्हारे लिए एक चिह्न है। उसने जैसा किया, तुम लोग ऐसा ही करोगे। उस समय तुम जान जाओगे कि मैं प्रभु-ईश्वर हूँ।"

प्रभु की वाणी।

📖भजन : विधि-विवरण 32:18-21

अनुवाक्य : तुम लोगों ने अपने सृष्टिकर्त्ता ईश्वर को भुला दिया।

1. जिस चट्टान से तुम्हारी उत्पत्ति हुई है, उसे तुम भूल गये। तुमने अपने सृष्टिकर्त्ता ईश्वर को भुला दिया है। ईश्वर ने यह सब देखा और क्रुद्ध हो कर अपने पुत्र-पुत्रियों को त्याग दिया।

2. उसने कहा, "मैं उन से मुँह फेर लूँगा और यह देखूँगा कि उनका क्या होगा। क्योंकि यह एक दुष्ट पीढ़ी है, यह एक विश्वासघाती सन्तति है।

3. "ऐसे देवताओं को मान कर जो ईश्वर नहीं है, उन्होंने मुझे चिढ़ाया, तुच्छ देवमूर्तियों की पूजा कर उन्होंने मेरा अनादर किया। इसलिए मैं ऐसे लोगों द्वारा उन्हें चिढ़ाऊँगा, जो मेरी प्रजा नहीं हैं, मैं एक तुच्छ राष्ट्र द्वारा उनका अनादर करूँगा।"

📒जयघोष

अल्लेलूया ! धन्य हैं वे, जो अपने को दीन-हीन समझते हैं - स्वर्गराज्य उन्हीं का है। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 19:16-22

"यदि तुम पूर्ण होना चाहते हो, तो अपनी सारी सम्पत्ति बेच दो और स्वर्ग में तुम्हारे लिए पूँजी रखी रहेगी।"

एक मनुष्य ने येसु के पास आ कर कहा, "गुरुवर ! अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मैं कौन-सा भला कार्य करूँ?" येसु ने उत्तर दिया, "भले के विषय में मुझ से क्यों पूछते हो? एक ही तो भला है। यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हो, तो आज्ञाओं का पालन करो।" उसने पूछा, "कौन-सी आज्ञाएँ?" येसु ने कहा, "हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; भूठी गवाही मत दो; अपने माता-पिता का आदर करो; और अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो।" नवयुवक ने उन से कहा, "मैंने इन सब का पालन किया है। मुझ में किस बात की कमी है?" येसु ने उसे उत्तर दिया, "यदि तुम पूर्ण होना चाहते हो, तो जाओ, अपनी सारी सम्पत्ति बेच कर गरीबों को दे दो और स्वर्ग में तुम्हारे लिए पूँजी रखी रहेगी। तब आ कर मेरा अनुसरण करो।" यह सुन कर वह नवयुवक बहुत उदास हो गया और चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था।

प्रभु का सुसमाचार।