प्रभु की वाणी मुझे यह कहती हुई सुनाई दी, "मनुष्य के पुत्र ! इस्राएल के चरवाहों के विरुद्ध भविष्यवाणी करो। भविष्यवाणी करो और उन से कहो : प्रभु-ईश्वर यह कहता है। धिक्कार है इस्राएल के चरवाहों को ! वे केवल अपनी देखभाल करते हैं। क्या चरवाहों को झुण्ड की देखभाल नहीं करनी चाहिए? तुम भेड़ों का दूध पीते हो, उनका ऊन पहनते और मोटे पशुओं का वध करते हो, किन्तु तुम भेड़ों को नहीं चराते। तुमने कमजोर भेड़ों को पौष्टिक भोजन नहीं दिया, बीमारों को चंगा नहीं किया, घायलों के घावों पर पट्टी नहीं बाँधी, भूली-भटकी हुई भेड़ों को नहीं लौटा लाये और जो खो गयी थीं, उनका पता नहीं लगा लिया। तुमने भेड़ों के साथ निर्दय और कठोर व्यवहार किया है। वे बिखर गयीं, क्योंकि उन को चराने वाला कोई नहीं रहा और वे बनैले पशुओं की शिकार बन गयीं। मेरी भेड़ें सब पर्वतों और ऊँची पहाड़ियों पर भटकती फिरती हैं वे समस्त बीसवाँ सप्ताह – बुधवार देश में बिखर गयी हैं और कोई भी उनकी परवाह नहीं करता, कोई भी उनकी खोज में नहीं निकलता।" “इसलिए, हे चरवाहो ! प्रभु की वाणी सुनो। प्रभु-ईश्वर यह कहता है, अपने अस्तित्व की शपथ ! मेरी भेड़ें, चराने वालों के अभाव में बनैले पशुओं की शिकार और भक्ष्य बन गयी हैं; मेरे चरवाहों ने भेड़ों की परवाह नहीं की - उन्होंने भेड़ों की नहीं, बल्कि अपनी देख-भाल की है; इसलिए, हे चरवाहो ! प्रभु की वाणी सुनो। प्रभु यह कहता है : मैं उन चरवाहों का विरोधी बन गया हूँ। मैं उन से अपनी भेड़ें वापस माँगूँगा। मैं उनकी चरवाही बन्द करूँगा। वे फिर अपनी ही देख-भाल नहीं कर पायेंगे। मैं अपनी भेड़ों को उनके पंजे से छुड़ाऊँगा और वे फिर उनकी शिकार नहीं बनेंगी। क्योंकि प्रभु-ईश्वर यह कहता है – मैं स्वयं अपनी भेड़ों की सुध लूँगा और उनकी देख-भाल करूँगा।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं।
1. प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं। वह मुझे हरे मैदानों में चराता है। वह मुझे विश्राम के लिए जल के निकट ले जा कर मुझमें नवजीवन का संचार करता है।
2. वह अपने नाम का सच्चा है, वह मुझे धर्ममार्ग पर ले चलता है। चाहे अँधेरी घाटी हो कर जाना ही क्यों न पड़े, मुझे किसी अनिष्ट की आशंका नहीं; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है। तेरी लाठी, तेरे डण्डे पर मुझे भरोसा है।
3. तू मेरे शत्रुओं के देखते-देखते मेरे लिए खाने की मेज सजाता है। तू मेरे सिर पर तेल का विलेपन करता है। तू मेरा प्याला लबालब भर देता है।
4. इस प्रकार तेरी भलाई और तेरी कृपा से मैं जीवन भर घिरा रहता हूँ। प्रभु का मंदिर ही मेरा घर है; मैं उस में अनन्तकाल तक निवास करूँगा।
अल्लेलूया ! ईश्वर का वचन जीवन्त और सशक्त है। वह हमारी आत्मा के अन्तरतम तक पहुँच जाता है। अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों को यह दृष्टान्त सुनाया, "स्वर्ग का राज्य उस जमींदार के सदृश है, जो अपनी दाखबारी में मज़दूरों को लगाने के लिए बहुत सबेरे घर से निकला। उसने मज़दूरों के साथ एक दीनार का रोजाना तय किया और उन्हें अपनी दाखबारी भेजा। लगभग पहले पहर वह बाहर निकला और उसने दूसरों को चौक में बेकार खड़ा देख कर कहा, 'तुम लोग भी मेरी दाखबारी जाओ, मैं तुम्हें उचित मज़दूरी दे दूँगा।' और वे वहाँ गये। लगभग दूसरे और तीसरे पहर भी उसने बाहर निकल कर ऐसा ही किया। वह एक घंटा दिन रहे फिर बाहर निकला और वहाँ दूसरों को खड़ा देख कर उन से बोला, 'तुम लोग यहाँ दिन भर क्यों बेकार खड़े हो?' उन्होंने उत्तर दिया, 'इसलिए कि किसी ने हमें मज़दूरी में नहीं लगाया।' उसने उन से कहा, 'तुम लोग भी मेरी दाखबारी जाओ।' "संध्या होने पर दाखबारी के मालिक ने अपने कारिन्दा से कहा, 'मज़दूरों को बुलाओ। बाद में आने वालों से ले कर पहले आने वालों तक, सब को मज़दूरी दे दो।' जब वे मज़दूर आये, जो एक घंटा दिन रहे काम पर लगाये गये थे, तो उन्हें एक-एक दीनार मिला। जब पहले मज़दूर आये, तो वे समझ रहे थे कि उन्हें अधिक मिलेगा; लेकिन उन्हें भी एक-एक दीनार ही मिला। उसे पा कर वे जमींदार के विरुद्ध भुनभुनाने लगे और बोले, 'इन पिछले मज़दूरों ने केवल घंटे भर काम किया। तब भी आपने इन्हें हमारे बराबर बना दिया, जो दिन भर कठोर परिश्रम करते और धूप सहते रहे।' उसने उन में से एक को यह कह कर उत्तर दिया, 'भाई ! मैं तुम्हारे साथ अन्याय नहीं कर रहा हूँ। क्या तुम ने मेरे साथ एक दीनार नहीं तय किया था? अपनी मज़दूरी ले लो और चले जाओ। मैं इस पिछले मज़दूर को भी तुम्हारे जितना देना चाहता हूँ। क्या मैं अपनी इच्छा के अनुसार अपनी सम्पत्ति का उपयोग नहीं कर सकता? तुम मेरी उदारता पर क्यों जलते हो?' इस प्रकार जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे और जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे।"
प्रभु का सुसमाचार।