वर्ष का इक्कीसवाँ सप्ताह, मंगलवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

थेसलिनीकियों के नाम संत पौलुस का दूसरा पत्र 2:1-3,13-16

"जो शिक्षा आप लोगों को मिली है, उस में दृढ़ बने रहें।"

भाइयो ! हमारे प्रभु येसु के पुनरागमन और उनके सामने हम लोगों के एकत्र हो जाने के विषय में हमारा एक निवेदन है। किसी भविष्यवाणी, अफ़वाह अथवा पत्र से, जो मेरी ओर से भेजा हुआ जान पड़े, आप लोग आसानी से यह समझ कर उत्तेजित न हों अथवा घबरा न जायें कि प्रभु का दिन आ चुका है। कोई भी आप लोगों को किसी भी प्रकार न बहकाये। ईश्वर ने हमारे सुसमाचार द्वारा आप को बुलाया, जिससे आप हमारे येसु मसीह की महिमा के भागी बन जायें। इसलिए, भाइयो ! आप ढारस रखें और उस शिक्षा में दृढ़ बने रहें, जो आप को मौखिक रूप से या पत्र द्वारा हम से मिली है। हमारे प्रभु येसु मसीह स्वयं तथा ईश्वर, हमारा पिता – जिसने हमें इतना प्यार बुधवार 583 इक्कीसवाँ सप्ताह किया और हमें चिरस्थायी सान्त्वना तथा उज्ज्वल आशा का वरदान दिया है- आप लोगों को ढारस बंधाते रहें तथा हर प्रकार के भले काम और बात में सुदृढ़ बनाये रखें।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 95:10-13

अनुवाक्य : प्रभु पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है।

1. राष्ट्रों को यह घोषित करो - प्रभु ही राजा है। उसी ने पृथ्वी का आधार सुदृढ़ बना दिया। वह न्यायपूर्वक सभी लोगों का न्याय करेगा।

2. स्वर्ग में आनन्द हो और पृथ्वी पर उल्लास, सागर की लहरें गरज उठें, खेतों के पौधे खिल जायें और बन के सभी वृक्ष आनन्द का गीत गायें।

3. क्योंकि प्रभु का आगमन निश्चित है। वह पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है। वह धर्म और सच्चाई से संसार के राष्ट्रों का शासन करेगा।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! ईश्वर का वचन जीवन्त और सशक्त है। वह हमारी आत्मा के अन्तरतम तक पहुँच जाता है। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 23:23-26

"इन्हें करते रहना और उनकी भी उपेक्षा नहीं करना तुम्हारे लिए उचित था।"

येसु ने यह कहा, "ऐ ढोंगी शास्त्रियो और फ़रीसियो ! धिक्कार तुम लोगों को ! तुम पुदीने, सौंफ़ और जीरे का दशमांश तो देते हो; किन्तु न्याय, दया और ईमानदारी, संहिता की मुख्य बातों की उपेक्षा करते हो। इन्हें करते रहना और उनकी भी उपेक्षा नहीं करना तुम्हारे लिए उचित था। अंधे नेताओ ! तुम मच्छर छानते हो, किन्तु ऊँट निगल जाते हो।" "ऐ ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो ! धिक्कार तुम लोगों को ! तुम प्याले और थाली को बाहर से तो माँजते हो, किन्तु भीतर वे लूट और असंयम से भरे हुए हैं। रे अंधे फ़रीसी ! पहले भीतर से प्याले को साफ़ कर लो, जिससे वह बाहर से भी साफ़ हो जाये।"

प्रभु का सुसमाचार।