वर्ष का इक्कीसवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 1:1-9

"आप लोग मसीह से संयुक्त हो कर सब प्रकार के वरदानों से सम्पन्न हो गये हैं।"

कुरिंथ में ईश्वर की कलीसिया के नाम पौलुस, जो ईश्वर द्वारा येसु मसीह का प्रेरित नियुक्त हुआ है, और भाई सोस्थिनुस का पत्र। आप लोग येसु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सबों के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येसु मसीह अर्थात् अपने तथा हमारे प्रभु का नाम लेते हैं। हमारा पिता-ईश्वर और प्रभु येसु मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शांति प्रदान करें। आप लोगों को येसु मसीह द्वारा ईश्वर का अनुग्रह प्राप्त हुआ है; इसके लिए मैं ईश्वर को निरन्तर धन्यवाद देता हूँ। मसीह का सन्देश आप लोगों के बीच इस प्रकार दृढ़ हो गया है कि आप लोग मसीह से संयुक्त हो 586 इक्कीसवाँ सप्ताह शुक्रवार कर, अभिव्यक्ति और ज्ञान के सब प्रकार के वरदानों से सम्पन्न हो गये हैं। आप लोगों में किसी कृपादान की कमी नहीं है और अब आप हमारे प्रभु येसु मसीह के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ईश्वर अंत तक आप लोगों को विश्वास में सुदृढ़ बनाये रखेगा, जिससे आप प्रभु येसु मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें। ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ हैं। उसी ने अपने पुत्र हमारे प्रभु येसु मसीह के सहभागी बनने के लिए आप लोगों को बुलाया है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 144:2-7

अनुवाक्य : हे प्रभु ! मैं सदा-सेर्वदा तेरा नाम धन्य कहूँगा।

1. मैं दिन-प्रतिदिन तुझे धन्य कहूँगा, मैं सदा-सर्वदा तेरे नाम की स्तुति करूँगा। प्रभु महान् और अत्यन्त प्रशंसनीय है। उनकी महिमा की सीमा नहीं।

2. सभी पीढ़ियाँ तेरी सृष्टि की स्तुति करेंगी और तेरे महान् कार्यों का बखान करती रहेंगी, तेरे ऐश्वर्य तथा तेरी महिमा का वर्णन करेंगी और तेरे चमत्कारों के गीत गाती रहेंगी।

3. वे तेरे विस्मयकारी कर्मों का और तेरी महिमा तथा सामर्थ्य का वर्णन करेंगी। वे तेरी अपार कृपा की चरचा करती रहेंगी और तेरी न्यायप्रियता घोषित करेंगी।

जयघोष

अल्लेलूया ! जागते रहो और तैयार रहो; क्योंकि तुम नहीं जानते कि मानव पुत्र किस घड़ी आयेगा। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 24,42-51

"तैयार रहो।"

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "जागते रहो; क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारे प्रभु किस दिन आयेंगे। यह अच्छी तरह समझ लो – यदि घर के स्वामी को मालूम होता कि चोर रात के किस पहर आयेगा, तो वह जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने नहीं देता। इसलिए तुम लोग भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम उसके आने की नहीं सोचते, उसी घड़ी मानव पुत्र आयेगा।" "कौन ऐसा ईमानदार और बुद्धिमान सेवक है, जिसे उसके स्वामी ने अपने नौकर-चाकरों पर नियुक्त किया है, जिससे वह समय पर उन्हें रसद बाँटा करे? धन्य है वह सेवक, जिसका स्वामी आने पर उसे ऐसा ही करता हुआ पायेगा ! मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - वह उसे अपनी सारी सम्पत्ति पर नियुक्त करेगा।" "परन्तु यदि वह बेईमान सेवक अपने मन में कहे, 'मेरा स्वामी आने में देर करता है' और वह दूसरे नौकरों को पीटने और शराबियों के साथ खाने-पीने लगे, तो उस सेवक का स्वामी ऐसे दिन आयेगा जब वह उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा होगा और ऐसी घड़ी, जिसे वह नहीं जान पायेगा। तब स्वामी उसे कोड़े लगवायेगा और ढोंगियों का दण्ड देगा। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे।"

प्रभु का सुसमाचार।