वर्ष का बाईसवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 3:18-23

"सब कुछ आपका है, परन्तु आप मसीह के और मसीह ईश्वर के हैं।"

कोई भी अपने को धोखा न दे- यदि आप लोगों में से कोई अपने को संसार की दृष्टि से ज्ञानी समझता हो, तो वह सचमुच ज्ञानी बनने के लिए अपने को मूर्ख बना ले; क्योंकि इस संसार का ज्ञान ईश्वर की दृष्टि में मूर्खता है। धर्मग्रन्थ में यह लिखा है - "वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई से ही फँसाता है" और "प्रभु जानता है कि ज्ञानियों के तर्क-वितर्क निस्सार है।" इसलिए कोई भी मनुष्यों पर गर्व न करे। सब कुछ आपका है, चाहे वह पौलुस, अपोल्लो अथवा कैफस हो, संसार हो, जीवन अथवा मरण हो, भूत अथवा भविष्य हो यह सब आपका है। परन्तु आप मसीह के और मसीह ईश्वर के हैं।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 23:1-6

अनुवाक्य : पृथ्वी और जो कुछ उस में है, यह सब प्रभु का है।

1. पृथ्वी और जो कुछ उस में है, संसार और उसके निवासी-यह सब प्रभु का है। क्योंकि उस ने समुद्र पर उसकी नींव डाली है, प्रभु ने जल पर उसे स्थापित किया है।

2. प्रभु के पर्वत पर कौन चढ़ेगा? उसके मंदिर में कौन रह पायेगा? वही, जिसके हाथ निर्दोष हैं, जिसका हृदय निर्मल है, जिसका मन असार संसार में नहीं रमता।

3. उसी को प्रभु की आशिष प्राप्त होगी, वही अपने मुक्तिदाता ईश्वर से पुरस्कार पायेगा। वह उन लोगों के सदृश है, जो प्रभु की खोज में लगे रहते हैं, जो याकूब के ईश्वर के दर्शनों के लिए तरसते हैं।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 5:1-11

"वे सब कुछ छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।"

एक दिन येसु गेनेसरेत की झील के पास थे। लोग ईश्वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिरे पड़ते थे। उस समय उन्होंने झील के किनारे लगी दो नावों को देखा। मछुए उन पर से उतर कर जाल धो रहे थे। येसु ने सिमोन की नाव पर चढ़ कर उसे किनारे से कुछ दूर ले चलने के लिए कहा। इसके बाद वह नाव पर बैठ कर जनता को शिक्षा देने लगे। उपदेश समाप्त करने के बाद उन्होंने सिमोन से कहा, "नाव को गहरे पानी में ले चलो और मछलियाँ पकड़ने के लिए अपने जाल डालो।" सिमोन ने उत्तर दिया, "गुरुवर ! रात भर मेहनत करने पर भी हम कुछ नहीं पकड़ सके, परन्तु आपके कहने पर मैं जाल डालूँगा।" ऐसा करने पर बहुत अधिक मछलियाँ फँस गयीं और उनका जाल फटने को हो गया। उन्होंने दूसरी नाव के अपने साथियों को इशारा किया कि आ कर हमारी मदद करो। वे आये और उन्होंने दोनों नावों को मछलियों से इतना भर लिया कि नावें डूबने को हो गयीं। यह देख कर सिमोन ने येसु के चरणों पर गिर कर कहा, "प्रभु ! मेरे पास से चले जाइए। मैं तो पापी मनुष्य हूँ।" मछलियों के जाल में फँसने के कारण वह और उसके साथी विस्मित हो गये। यही दशा याकूब और योहन की भी हुई; ये जेबेदी के पुत्र और सिमोन के साझेदार थे। येसु ने सिमोन से कहा, "डरो मत ! अब से तुम मनुष्यों को पकड़ा करोगे।" वे नावों को किनारे लगा कर और सब कुछ छोड़ कर येसु के पीछे हो लिये।

प्रभु का सुसमाचार।