वर्ष का बाईसवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 4:6-15

"हम भूखे और प्यासे हैं और फटे-पुराने कपड़े पहनते हैं।"

भाइयो ! मैंने आप लोगों के लिए अपने और अपोल्लो के विषय में, यह स्पष्टीकरण दिया है, जिससे आप हमारे उदाहरण से यह शिक्षा ग्रहण करें कि "कोई भी धर्मग्रन्थ की मर्यादा का उल्लंघन न करे" और आप एक का पक्ष लेते हुए और दूसरे का तिरस्कार करते हुए घमण्डी न बनें। कौन आप को दूसरों की अपेक्षा अधिक महत्त्व देता है? आपके पास क्या है, जो आप को न दिया गया हो? और यदि आप को सब कुछ दान में मिला है, तो इस पर क्यों गर्व करते हैं, मानो यह आप को न दिया गया हो? अब तो आप लोग तृप्त हो गये हैं! आप धनी हो गये हैं ! आप को हमारे बिना राज्य मिल चुका है ! कितना अच्छा होता यदि आप को सचमुच राज्य मिला होता, तब हम भी शायद आपके राज्य के सहभागी बन जाते। मुझे ऐसा लगता है कि ईश्वर ने हम प्रेरितों को मनुष्यों में सब से नीचा दिखाया है। हम अखाड़े में प्राणदण्ड भोगने वाले मनुष्यों की तरह हैं। हम विश्व के लिए स्वर्गदूतों और मनुष्यों, दोनों के लिए तमाशा बन गये हैं। हम मसीह के कारण मूर्ख हैं, किन्तु आप मसीह के समझदार अनुयायी हैं। हम दुर्बल हैं और आप बलवान् हैं; आप लोगों को सम्मान मिल रहा है और हमें तिरस्कार। हम इस समय भी भूखे और प्यासे हैं; फटे-पुराने कपड़े पहनते हैं; मार खाते हैं, भटकते फिरते हैं और अपने हाथों से परिश्रम करते-करते थक जाते हैं। लोग हमारा अपमान करते हैं और हम आशीर्वाद देते हैं। वे हम पर अत्याचार करते हैं और हम सहते रहते हैं; वे हमारी निन्दा करते हैं और हम नम्रतापूर्वक अनुनय-विनय करते हैं। लोग अब भी हमारे साथ ऐसा व्यवहार करते हैं, मानो हम पृथ्वी के कचरे और समाज के कूड़ा-करकट हों। मैं आप लोगों को लज्जित करने के लिए यह नहीं लिख रहा हूँ, बल्कि आप को अपनी प्यारी सन्तान समझ कर समझा रहा हूँ। क्योंकि हो सकता है कि मसीह में आपके हजार शिक्षक हों, किन्तु आपके अनेक पिता नहीं हैं। मैंने सुसमाचार द्वारा येसु मसीह में आप लोगों को उत्पन्न किया है।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 144:17-21

अनुवाक्य : प्रभु उन सबों के निकट है, जो उसका नाम लेते हैं।

1. प्रभु जो कुछ करता है, अच्छा ही करता है। वह जो कुछ करता है, प्रेम से करता है। वह उन सबों के निकट है, जो उसका नाम लेते हैं, जो सच्चे हृदय से उस से विनती करते हैं।

2. जो उस पर श्रद्धा रखते हैं, वह उनका मनोरथ पूरा करता है। वह उनकी पुकार सुन कर उनका उद्धार करता है। प्रभु अपने भक्तों की रक्षा करता है, किन्तु वह अधर्मियों का सर्वनाश करेगा।

3. मेरा कण्ठ प्रभु की स्तुति करता रहे। सभी मनुष्य सदा-सर्वदा उसका पवित्र नाम धन्य कहें।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:1-5

"जो काम विश्राम के दिन मना है, तुम लोग वही क्यों कर रहे हो?"

येसु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्य बालें तोड़ कर और हाथ से मसल कर खाते थे। कुछ फरीसियों ने कहा, "जो काम विश्राम के दिन मना है, तुम लोग वही क्यों कर रहे हो !" येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथियों को भूख लगी, तो दाऊद ने क्या किया था? उसने ईश-मंदिर में जा कर भेंट की रोटियाँ उठा लीं, उन्हें स्वयं खाया तथा अपने साथियों को भी खिलाया। याजकों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं है।" और येसु ने उन से कहा, "मानव पुत्र विश्राम के दिन का स्वामी है।"

प्रभु का सुसमाचार।