वर्ष का तेईसवाँ सप्ताह, सोमवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 5:1-8

"आप पुराना खमीर निकाल कर शुद्ध हो जाइए, क्योंकि हमारा पास्का का मेमना अर्थात् मसीह बलि चढ़ाये जा चुके हैं।"

आप लोगों के बीच हो रहे व्यभिचार की चरचा चारों ओर फैल गयी है - ऐसा व्यभिचार जो गैरयहूदियों में भी नहीं होता : किसी ने अपने पिता की पत्नी को रख लिया है। तब भी आप घमण्ड में फूले हुए हैं! आप को शोक मनाना और जिसने यह काम किया, उसका बहिष्कार करना चाहिए था। मैं तो शरीर से अनुपस्थित होते हुए भी आत्मा से आप लोगों के बीच हूँ - जिसने यह काम किया, मैं उसका न्याय कर चुका हूँ, मानो मैं वास्तव में वहाँ उपस्थित हूँ। और मेरा निर्णय यह है : प्रभु येसु के नाम पर हम - अर्थात् आप लोग और मैं आत्मा से - एकत्र हो जायेंगे और अपने प्रभु येसु के अधिकार से उस व्यक्ति को शैतान के हवाले कर देंगे, जिससे उसके शरीर का विनाश हो, किन्तु प्रभु के दिन उसकी आत्मा का उद्धार हो । आप लोगों का आत्मसन्तोष आप को शोभा नहीं देता। क्या आप यह नहीं जानते कि थोड़ा-सा खमीर सारे सने हुए आटे को खमीरा कर देता है ? आप पुराना खमीर निकाल कर शुद्ध हो जाइए, जिससे आप नया सना हुआ आटा बन जायें । आप को बेखमीर रोटी जैसा बनना चाहिए, क्योंकि हमारा पास्का का मेमना अर्थात् मसीह बलि चढ़ाये जा चुके हैं। इसलिए हमें न तो पुराने खमीर से और न बुराई और दुष्टता के खमीर से, बल्कि शुद्धता और सच्चाई की बेखमीर रोटी से पर्व मनाना चाहिए ।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 5:5-7,12

अनुवाक्य : हे प्रभु ! मुझे सही रास्ते पर ले चल ।

1 तू न तो बुराई से समझौता कर लेता और न दुष्टों को शरण देता है। घमण्डी तेरे सामने टिक नहीं पाते।

2. तू सभी कुकर्मियों से घृणा करता और सभी झूठ बोलने वालों का विनाश करता है। प्रभु कपटियों और हत्यारों का तिरस्कार करता है

3. जो तेरी शरण में जाते हैं, वे आनन्द के गीत गाया करते हैं। तू अपने भक्तों को आश्रय देता है और वे तुझ में आनन्द मनाते हैं।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:6-11

"वे इस बात की ताक में थे कि येसु विश्राम के दिन किसी को चंगा करें।"

येसु किसी विश्राम के दिन सभागृह में जा कर शिक्षा देने लगे। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका दायाँ हाथ सूख गया था । शास्त्री और फ़रीसी इस बात की ताक में थे कि यदि येसु विश्राम के दिन किसी को चंगा करें, तो हम उन पर दोष लगायें । येसु ने उनके विचार जान कर सूखे हाथ वाले से कहा, "उठो और बीच में खड़े हो जाओ।" वह उठ खड़ा हो गया। येसु ने उन से कहा, “मैं तुम से पूछता हूँ - विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या नष्ट करना ?" तब उन सबों पर दृष्टि दौड़ा कर उन्होंने उस मनुष्य से कहा, "अपना हाथ बढ़ाओ।" उसने ऐसा ही किया और उसका हाथ चंगा हो गया । वे बहुत क्रुद्ध हो गये और आपस में परामर्श करने लगे कि हम येसु के विरुद्ध क्या करें।

प्रभु का सुसमाचार।