वर्ष का तेईसवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 7:25-31

"आपने किसी स्त्री से विवाह किया ? तो उस से मुक्त होने का प्रयत्न न करें । आपकी पत्नी का देहान्त हुआ? तो दूसरी का खोज न करें।"

कुँवारियों के विषय में मुझे प्रभु की ओर से कोई आदेश नहीं मिला है, किन्तु प्रभु की दया से विश्वास के योग्य होने के नाते मैं अपनी सम्मति दे रहा हूँ। मैं समझता हूँ कि वर्तमान संकट में यही अच्छा है कि मनुष्य जिस स्थिति में है, उसी स्थिति में रहे। आपने किसी स्त्री से विवाह किया ? तो उस से मुक्त होने का प्रयत्न न करें। आपकी पत्नी का देहान्त हुआ ? तो दूसरी की खोज न करें। यदि आप विवाह करते ही हैं, तो इस में कोई पाप नहीं और यदि कुँवारी विवाह करती है, तो वह पापं नहीं करती। किन्तु ऐसे लोग अवश्य ही विवाहित जीवन की फंझटें मोल लेते हैं इन से मैं आप लोगों को बचाना चाहता हूँ ! भइयो ! मैं आप लोगों से यह कहता हूँ समय थोड़ा ही रह गया है। अब से जो विवाहित हैं, वे इस तरह रहें मानो विवाहित नहीं हों; जो रोते हैं, मानो नहीं रोते हों; जो आनन्द मनाते हैं, मानो आनन्द नहीं मनाते हों; जो खरीद लेते हैं मानो उसके पास कुछ नहीं हों; जो इस दुनिया की चीजों का उपयोग करते हैं मानो उनका उपयोग नहीं करते हों; क्योंकि जो दुनिया हम देखते हैं वह समाप्त हो जाती है।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 44:11-12,14-17

अनुवाक्य : पुत्री ! इधर देखो और कान लगा कर सुनो ।

1. पुत्री ! इधर देखो और कान लगा कर सुनो। तुम अपने लोगों को और अपने पिता का घर भूल जाओ । राजा तुम्हारे सौंदर्य की अभिलाषा करेंगे। वह तुम्हारे स्वामी हैं; उन्हें दण्डवत् करो

2. राजकुमारी का श्रृंगार अपूर्व है। उसके वस्त्र स्वर्ण और मोतियों से विभूषित हैं। वह अपनी सहेलियों के साथ राजा के पास जा रही है

3. वे भजन गाते हुए उसे ले जाती और राजा के महल में प्रवेश करती हैं। पूर्वजों के बदले तुम्हें पुत्र मिलेंगे, वे समस्त पृथ्वी का शासन करेंगे ।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा ।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:20-26

"धन्य हो तुम जो दरिद्र हो । धिक्कार तुम्हें, जो धनी हो ।"

येसु ने अपने शिष्यों की ओर देख कर कहा, "धन्य हो तुम, जो दरिद्र हो - स्वर्गराज्य तुम लोगों का है। धन्य हो तुम, जो अभी भूखे हो - तुम तृप्त किये जाओगे। धन्य हो तुम, जो अभी रोते हो तुम हँसोगे। धन्य हो तुम, जब मानव पुत्र के कारण लोग तुम से बैर रखेंगे, तुम्हारा बहिष्कार और अपमान करेंगे और तुम्हारा नाम घृणित समझ कर निकाल देंगे। उस दिन उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। उनके पूर्वज नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे।" "धिक्कार तुम्हें, जो धनी हो तुम अपना सुख-चैन पा चुके हो। धिक्कार तुम्हें, जो अभी तृप्त हो – तुम भूखे रहोगे । धिक्कार तुम्हें, जो अभी हँसते हो तुम शोक करोगे और रोओगे । धिक्कार तुम्हें, जब सब लोग तुम्हारी प्रशंसा करते हैं- उनकें पूर्वज झूठे नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे ।"

प्रभु का सुसमाचार।