मनुष्य का शरीर एक है, यद्यपि उसके बहुत-से अंग होते हैं; और सभी अंग, अनेक होते हुए भी, एक ही शरीर बन जाते हैं। मसीह के विषय में भी यही बात है। हम यहूदी हों या युनानी, दास हों या स्वतंत्र, हम सब के सब एक ही आत्मा का बपतिस्मा ग्रहण कर एक ही शरीर बन गये हैं। हम सबों को एक ही आत्मा का पान कराया गया है। शरीर में भी तो एक नहीं, बल्कि बहुत-से अंग हैं। आप सब मिल कर मसीह का शरीर हैं और आप में से प्रत्येक उसका एक अंग है। ईश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न लोगों को नियुक्त किया है- प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यवक्ता, तीसरे शिक्षक, तब चमत्कार दिखाने वाले । इसके बाद स्वस्थ करने वाले, सहायक, प्रशासक, अनेक भाषाएँ बोलने वाले। क्या सब प्रेरित हैं? सब भविष्यवक्ता हैं? सब शिक्षक हैं? सब चमत्कार दिखाने वाले हैं? सब स्वस्थ करने वाले हैं? सब भाषाएँ बोलने वाले हैं? सब व्याख्या करने वाले हैं? आप उच्चतर वरदानों की अभिलाषा किया करें।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हम उसकी प्रजा उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
1. हे समस्त पृथ्वी ! प्रभु की स्तुति करो ! आनन्द के साथ प्रभु की सेवा करो ! उल्लास के गीत गाते हुए उसके सामने उपस्थित हो जाओ !
2. यह जान लो कि वही ईश्वर है। उसी ने हम को बनाया है हम उसी के हैं। हम उसकी प्रजा, उसके चरागाह की भेड़ें हैं
3. धन्यवाद देते हुए मंदिर में प्रवेश करो, भजन गाते हुए उसके प्रांगण में आ जाओ, उसकी स्तुति करो और उसका नाम धन्य कहो
4. ओह ! ईश्वर कितना भला है ! उसका प्रेम चिरस्थायी है, उसकी सत्यप्रतिज्ञता युगानुयुग बनी रहती है।
अल्लेलूया ! हमारे बीच महान् नबी उत्पन्न हुए हैं और ईश्वर ने अपनी प्रजा की सुध ली है। अल्लेलूया !
h2>सुसमाचारयेसु नाईम नगर गये। उनके साथ उनके शिष्य और एक विशाल जनसमूह भी चल रहा था। जब वह नगर के फाटक के निकट पहुँचे, तो लोग एक मुर्दे को बाहर ले जा रहे थे। वह अपनी माँ का एकलौता बेटा था और वह विधवा थी। नगर के बहुत-से लोग उसके साथ थे। माँ को देख कर प्रभु को उस पर तरस आया और उन्होंने उस से कहा, "मत रोओ", और पास आ कर उन्होंने अरथी का स्पर्श किया। इस पर ढोने वाले रुक गये। येसु ने कहा, "ऐ युवक ! मैं तुम से कहता हूँ, उठो ।" मुर्दा उठ बैठा और बोलने लगा। उसे येसु ने उसकी माँ को सौंप दिया । सब लोग विस्मित हो गये और यह कहते हुए ईश्वर की महिमा करने लगे, "हमारे बीच महान् नबी उत्पन्न हुए हैं और ईश्वर ने अपनी प्रजा की सुध ली है।" येसु के विषय में यह बात सारी यहूदिया और आसपास के समस्त प्रदेश में फैल गयी ।
प्रभु का सुसमाचार।