वर्ष का चौबीसवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 15:12-20

"यदि मसीह नहीं जी उठे हैं, तो आप लोगों का विश्वास व्यर्थ है ।"

यदि हमारी शिक्षा यह है कि मसीह मृतकों में से जी उठे हैं, तो आप लोगों में से कुछ यह कैसे कहते हैं कि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता? यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे हैं। यदि मसीह नहीं जी उठे हैं, तो हमारा धर्मप्रचार व्यर्थ है और आप लोगों का विश्वास भी व्यर्थ है। तब हमने ईश्वर के विषय में मिथ्या साक्ष्य दिया, क्योंकि हमने ईश्वर के विषय में यह साक्ष्य दिया कि उसने मसीह को पुनर्जीवित किया और यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो उसने ऐसा नहीं किया। क्योंकि यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे हैं। यदि मसीह नहीं जी उठे हैं, तो आप लोगों का विश्वास व्यर्थ है और आप अब तक अपने पाप में फँसे हैं। इतना ही नहीं, जो लोग मसीह में विश्वास करते हुए मर गये हैं, वे भी विनष्ट हो गये हैं। मसीह पर हमारा जो भरोसा है, यदि वह इस जीवन तक ही सीमित है, तो हम मनुष्यों में से सब से अधिक दयनीय हैं। किन्तु मसीह सचमुच मृतकों में से जी उठे हैं। जो लोग मृत्यु में सो गये हैं, उन में से वह सब से पहले जी उठे हैं।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 16:1,6-8,15

अनुवाक्य : मैं जागने पर तेरा स्वरूप देख कर परितृप्त होऊँगा ।

1. हे प्रभु! मुझे न्याय दिला। मेरी दुहाई पर ध्यान दे। मैं निष्कपट हृदय से जो प्रार्थना कर रहा हूँ, उसे तू सुनने की कृपा कर ।

2. हे ईश्वर। मैं तुझे पुकारता हूँ। मेरी सुन। मुझ पर दयादृष्टि कर, मेरी प्रार्थना स्वीकार कर । अपना महान् प्रेम मुझे, प्रदर्शित कर, क्योंकि तू अपने भक्तों को उनके शत्रुओं से बचाता है

3. तू आँख की पुतली की तरह मेरी रक्षा कर, मुझे अपने पंखों की छाया में छिपा। मैं सन्मार्ग पर चल कर तेरे दर्शन करूँगा, मैं जागने पर तेरा स्वरूप देख कर परितृप्त होऊँगा ।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 8:1-3

"कुछ नारियाँ येसु के साथ थीं, जो अपनी सम्पत्ति से उनका सेवा-सत्कार करती थीं।"

येसु नगर-नगर और गाँव-गाँव घूम कर उपदेश देते और ईश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाते रहे। बारह प्रेरित उनके साथ थे और कुछ नारियाँ भी, जो दुष्ट आत्माओं और रोगों से मुक्त की गयी थीं मरियम, जिसका उपनाम मगदलेना था और जिस से सात अपदूत निकले थे; हेरोद के कारिन्दा खूसा की पत्नी योहन्ना; सुसन्ना और अनेक अन्य नारियाँ भी, जो अपनी सम्पत्ति से येसु और उनके शिष्यों का सेवा-सत्कार करती थीं।

प्रभु का सुसमाचार।