वर्ष का पच्चीसवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

उपदेशक-ग्रंथ 1:2-11

"पृथ्वी भर में कोई भी बात नयी नहीं होती ।"

उपदेशक कहता है, "व्यर्थ ही व्यर्थ; व्यर्थ ही व्यर्थ; सब कुछ व्यर्थ है। मनुष्य को इस पृथ्वी पर के अपने सारे परिश्रम से क्या लाभ? एक पीढ़ी चली जाती है, दूसरी पीढ़ी आती है और पृथ्वी सदा के लिए बनी रहती है। सूर्य उगता है और सूर्य अस्त हो जाता है। वह शीघ्र ही अपने उस स्थान पर जाता है, जहाँ से वह फिर उगता है। हवा दक्षिण की ओर बहती है, वह उत्तर की ओर मुड़ती है; वह घूम-घूम कर पूरा चक्कर लगाती है। सब नदियाँ समुद्र में गिरती हैं, किन्तु समुद्र भरता नहीं और नदियाँ जिधर बहती है, उधर ही बहती रहती हैं। यह सब इतना नीरस है कि कोई भी उसका पूरा-पूरा वर्णन नहीं कर पाता । आँखें देखने से कभी तृप्त नहीं होतीं और कान सुनने से कभी नहीं भरते। जो हो चुका है, वह फिर होगा; जो किया जा चुका है, वह फिर किया जायेगा। पृथ्वी भर में कोई भी बात नयी नहीं होती। जिसके विषय में लोग कहते हैं, 'देखो, यह तो नयी बात है', वह भी हमारे समय से बहुत पहले हो चुकी है। पहली पीढ़ियों के लोगों की स्मृति मिट गयी है और आने वाली पीढ़ियों की भी स्मृति परवर्ती लोगों में नहीं बनी रहेगी।"

📖भजन : स्तोत्र 89:3-6,12-14,17

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारा आश्रय बना रहा।

1. तू मनुष्य को फिर मिट्टी में मिला कर कहता है, "हे मनुष्य की सन्तान ! लौट जाओ।" एक हजार वर्ष भी तुझे बीते कल की तरह लगते हैं, वे तेरी गिनती में रात के पहर के सदृश हैं

2. तू मनुष्यों को इस तरह उठा ले जाता है, जिस तरह सबेरा हो जाने पर स्वप्न मिट जाता है, जिस तरह घास प्रातःकाल उग कर लहलहाती है और संध्या तक मुरझा कर सूख जाती है

3. हमें जीवन की क्षणभंगुरता सिखा, जिससे हम में सद्बुद्धि आये। हे प्रभु! क्षमा कर। हम कब तक तेरी प्रतीक्षा करें? तू अपने सेवकों पर दया कर

4. तू भोर को हमें अपना प्रेम दिखा, जिससे हम दिन भर आनन्द के गीत गा सकें। प्रभु की मधुर कृपा हम पर बनी रहे और हमारे सब कार्यों पर तेरी आशिष ।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं "मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गए बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता ।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 9:7-9

"योहन का तो मैंने सिर कटवा दिया है। फिर यह कौन है, जिसके विषय में ऐसी बातें सुनता हूँ?"

राजा हेरोद उन सब बातों की चर्चा सुन कर असमंजस में पड़ गया, क्योंकि कुछ लोग कहते थे कि योहन मृतकों में से जी उठा है। कुछ कहते थे कि एलियस प्रकट हुआ है और कुछ लोग कहते थे कि पुराने नबियों में से कोई जी उठा है। हेरोद ने कहा, "योहन का तो मैंने सिर कटवा दिया है। फिर यह कौन है, जिसके विषय में ऐसी बातें सुनता हूँ?" और वह येसु को देखने के लिए उत्सुक था ।

प्रभु का सुसमाचार।