योब ने कहा, "मेरे मित्रो ! मुझ पर दया करो ! दया करो ! क्योंकि प्रभु के हाथ ने मुझे स्पर्श किया है। तुम ईश्वर की तरह मुझे क्यों सताते हो? तुम मुझ पर झूठा दोष क्यों लगाते हो? ओह ! कौन मेरे ये शब्द लिख देगा? कौन इन्हें लोहे की छेनी और शीशे से किसी स्मारक पर अंकित करेगा? इन्हें सदा के लिए चट्टान पर उत्कीर्ण करेगा? मैं यह जानता हूँ कि मेरा रक्षक जीवित है और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा हो जायेगा। मैं स्वयं अपने शरीर में खड़ा हो जाऊँगा और अपनी आँखों से उसी के दर्शन करूँगा ।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मुझे विश्वास है कि मैं इस जीवन में प्रभु की भलाई को देख पाऊँगा ।
1. हे प्रभु ! तू मेरी पुकार पर ध्यान दे, मुझ पर दया कर और मेरी सुन । प्रभु की शरण में जाना यही मेरे हृदय की अभिलाषा रही
2. मैं तेरे दर्शनों के लिए तरसता हूँ, अपना मुख मुझ से न छिपा । अप्रसन्न हो कर अपने सेवक को न त्याग, क्योंकि तू ही मेरा सहारा है
3. मुझे विश्वास है कि मैं इस जीवन में प्रभु की भलाई को देख पाऊँगा । प्रभु पर भरोसा रखो, दृढ़ रहो और प्रभु पर भरोसा रखो ।
अल्लेलूया ! ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चात्ताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो । अल्लेलूया !
प्रभु ने अन्य बहत्तर शिष्य नियुक्त किये और जिस-जिस नगर और गाँव में वह स्वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्हें अपने आगे भेजा। उन्होंने उन से कहा, "फसल तो बहुत है, परन्तु मजदूर थोड़े हैं, इसलिए फसल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजे। जाओ, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेजता हूँ। तुम न थैली, न झोली और न जूते ले जाओ और रास्ते में किसी को नमस्कार मत करो। जिस घर में प्रवेश करते हो, सब से पहले यह कहो, 'इस घर को शांति !' यदि वहाँ शांति के योग्य कोई होगा, तो तुम्हारी शांति उस पर ठहरेगी, नहीं तो वह तुम्हारे पास लौट आयेगी। उसी घर में ठहरे रहो और जो उनके पास हो, वही खाओ-पीओ; क्योंकि मजदूर को मजदूरी का अधिकार है। घर पर घर बदलते न रहो। जिस नगर में प्रवेश करते हो और वे तुम्हारा स्वागत करते हैं तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाये, वही खा लो। वहाँ के रोगियों को चंगा करो और उन से कहो, 'ईश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है'। परन्तु यदि किसी नगर में प्रवेश करते हो और वे तुम्हारा स्वागत नहीं करते, तो वहाँ के बाजारों में जा कर कहो, अपने पैरों में लगी तुम्हारे नगर की धूल तक हम तुम्हारे सामने झाड़े देते हैं। तब भी यह जान लो कि ईश्वर का राज्य आ गया है।' मैं तुम से कहे देता हूँ - न्याय के दिन उस नगर की दशा की अपेक्षा सोदोम की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी ।"
प्रभु का सुसमाचार।