वर्ष का सत्ताईसवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:1-5

"क्या आप को संहिता के कर्मकाण्ड के कारण आत्मा का वरदान मिला या सुसमाचार के संदेश पर विश्वास करने के कारण?"

ऐ नासमझ गलातियो ! किसने आप लोगों पर जादू डाला? आप लोगों को तो सुस्पष्ट रूप से यह दिखलाया गया कि येसु मसीह क्रूस पर आरोपित किये गये थे? मैं आप लोगों से इतना ही जानना चाहता हूँ- क्या आप को संहिता के कर्मकाण्ड के कारण आत्मा का वरदान मिला या सुसमाचार के संदेश पर विश्वास करने के कारण? क्या आप लोग इतने नासमझ हैं कि जो कार्य आपने आत्मा द्वारा प्रारंभ किया, उसे अब शरीर द्वारा पूर्णता तक पहुँचाना चाहते हैं? क्या आप लोगों को व्यर्थ ही इतने वरदान प्राप्त हुए? मुझे ऐसा विश्वास नहीं है। जब ईश्वर आप लोगों को आत्मा का वरदान देता है और आपके बीच चमत्कार दिखाता है, तो क्या वह संहिता के कर्मकाण्ड के कारण ऐसा करता है अथवा इसलिए कि आप सुसमाचार के संदेश पर विश्वास करते हैं?

प्रभु की वाणी।

📖भजन : लूकस 1, 69-75

अनुवाक्य : धन्य है प्रभु, इस्त्राएल का ईश्वर ! उसने अपनी प्रजा की सुध ली है।

1. उसने अपने दास दाऊद के वंश में हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है। जैसा कि वह अपने पवित्र नबियों के मुख से प्राचीन काल से कहता आया है।

2. उसने कहा था कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर हमारे पूर्वजों पर दया करेगा

3. उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा, जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर उसके सन्मुख उसकी सेवा कर सकें ।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! हे प्रभु ! हमारे हृदय का द्वार खोल दे, जिससे हम तेरे पुत्र की शिक्षा स्वीकार करें। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 11:5-13

"माँगो और तुम्हें दिया जायेगा।"

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "मान लो कि तुम में से कोई आधी रात को अपने किसी मित्र के पास जा कर कहे, 'दोस्त, मुझे तीन रोटियाँ उधार दो, क्योंकि मेरा एक मित्र सफर में मेरे यहाँ पहुँचा है और उसे खिलाने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं है', और वह भीतर से उत्तर दे, 'मुझे तंग न करो। अब तो द्वार बन्द हो चुका है। मेरे बाल-बच्चे और मैं, हम सब बिस्तर पर हैं। मैं उठ कर तुम को नहीं दे सकता।' मैं तुम से कहता हूँ वह मित्रता के नाते भले ही उठ कर उसे कुछ न दे, किन्तु उसके आग्रह के कारण वह उठेगा और उसकी आवश्यकता पूरी कर देगा ।" "मैं तुम से कहता हूँ - माँगो और तुम्हें दिया जायेगा; ढूँढ़ो और तुम्हें मिल जायेगा; खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जायेगा। क्योंकि जो माँगता है, उसे दिया जाता है; जो ढूँढ़ता है, उसे मिल जाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए खोला जाता है।" "यदि तुम्हारा पुत्र तुम से रोटी माँगे, तो तुम में ऐसा कौन है जो उसे पत्थर देगा? अथवा मछली माँगे, तो मछली के बदले उसे साँप देगा? अथवा अंडा माँगे, तो उसे बिच्छू देगा? बुरे होने पर भी यदि तुम लोग अपने बच्चों को सहज ही अच्छी चीजें देते हो, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता माँगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों नहीं देगा?"

प्रभु का सुसमाचार।