वर्ष का सत्ताईसवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:22-29

"आप लोग सब के सब विश्वास करने के कारण ईश्वर की सन्तति हैं।"

धर्मग्रन्थ ने सब कुछ पाप के अधीन कर दिया, जिससे येसु मसीह में विश्वास के द्वारा विश्वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये । विश्वास के आगमन से पहले हम को उसके प्रकट होने के समय तक संहिता के निरीक्षण में बन्दी बना दिया गया था। इस प्रकार जब तक मसीह न आयें और हम विश्वास के द्वारा धार्मिक न बनें, तब तक संहिता हमारी निरीक्षक रही । किन्तु अब विश्वास आया है और हम निरीक्षक के अधीन नहीं रहे। क्योंकि आप लोग सब के सब येसु मसीह में विश्वास करने के कारण ईश्वर की सन्तति हैं; क्योंकि जितने लोगों ने मसीह का बपतिस्मा ग्रहण किया, उन्होंने मसीह को धारण किया है। अब न तो कोई यहूदी है और न युनानी, न तो दास है और न स्वतन्त्र, न तो पुरुष है और न स्त्री आप सब येसु मसीह में एक हो गये हैं। यदि आप लोग मसीह के हैं, तो इब्राहीम की सन्तान हैं और प्रतिज्ञा के अनुसार उनके उत्तराधिकारी ।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 104:2-7

अनुवाक्य : प्रभु अपने विधान का सदा स्मरण करता है। (अथवा : अल्लेलूया !)

1. प्रभु के आदर में गीत गाओ, उसकी स्तुति करो, उसके अपूर्व कार्यों का बखान करो। उसके पवित्र नाम पर गौरव करो । प्रभु को खोजने वालों का हृदय आनन्दित हो

2. प्रभु और उसके सामर्थ्य का मनन करो, उसके दर्शनों के लिए तरसते रहो । उसके अपूर्व कार्य, उसके चमत्कार तथा उसके निर्णय याद रखो

3. हे प्रभु-भक्त इब्राहीम की सन्तति ! हे प्रभु के कृपापात्र याकूब के पुत्रो ! प्रभु ही हमारा ईश्वर है, उसके निर्णय समस्त पृथ्वी पर लागू हैं।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! धन्य हैं वे, जो ईश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 11:27-28

"धन्य है वह गर्भ, जिसने आप को धारण किया । वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो ईश्वर का वचन सुनते है।"

येसु लोगों को उपदेश दे ही रहे थे कि भीड़ में से कोई स्त्री उन्हें संबोधित करते हुए ऊँचे स्वर से बोल उठी, "धन्य है वह गर्भ, जिसने आप को धारण किया और धन्य हैं वे स्तन, जिनका आपने पान किया है!" परन्तु येसु ने कहा, “ठीक है; किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो ईश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।"

प्रभु का सुसमाचार।