वर्ष का अट्ठाईसवाँ सप्ताह, सोमवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 4:22-24,26-27,31; 5:1

"हम दासी की नहीं, बल्कि स्वतन्त्र पत्नी की सन्तति हैं।"

धर्मग्रन्थ में लिखा है कि इब्राहीम के दो पुत्र थे - एक दासी से और एक स्वतन्त्र पत्नी से। दासी के पुत्र का जन्म प्रकृति के अनुसार हुआ, किन्तु स्वतन्त्र पत्नी के पुत्र का जन्म प्रतिज्ञा के अनुसार। इन बातों का एक लाक्षणिक अर्थ है। वे दो स्त्रियाँ दो विधानों की प्रतीक हैं। एक अर्थात् पर्वत सीनय का विधान दासता के लिए सन्तति उत्पन्न करता है - यह हागार है। दिव्य येरुसालेम स्वतन्त्र है। वह हमारी माता है, क्योंकि लिखा है बन्धया ! तुमने कभी पुत्र नहीं जना, अब आनन्द मनाओ । तुमने प्रसव पीड़ा का अनुभव नहीं किया, उल्लास के गीत गाओ; क्योंकि विवाहिता की अपेक्षा परित्यक्ता के अधिक पुत्र होंगे । इसलिए भाइयो ! हम दासी की नहीं, बल्कि स्वतन्त्र पत्नी की सन्तति हैं। मसीह ने स्वतन्त्र बने रहने के लिए ही हमें स्वतन्त्र बना दिया है, इसलिए आप लोग दृढ़ रहें और फिर दासता के जूए में न जुत जायें ।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 112:1-7

अनुवाक्य : धन्य है प्रभु का नाम, अभी और अनन्तकाल तक !

1. प्रभु के सेवको ! स्तुति करो ! प्रभु के नाम की स्तुति करो ! धन्य है प्रभु का नाम, अभी और अनन्तकाल तक !

2. सूर्योदय से ले कर सूर्यास्त तक प्रभु के नाम की स्तुति हो । प्रभु सभी राष्ट्रों का शासक है। उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है

3. हमारे प्रभु-ईश्वर के सदृश कौन? वह उच्च सिंहासन पर विराजमान हो कर स्वर्ग और पृथ्वी, दोनों पर दृष्टि रखता है

4. वह धूल में से दीनों को तथा कूड़े पर से दरिद्रों को ऊपर उठाता है।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! आज अपना हृदय कठोर न बनाओ, प्रभु की वाणी पर ध्यान दो । अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार

"नबी योनस के चिह्न को छोड़ कर इस पीढ़ी को और कोई चिह्न नहीं दिया जायेगा ।"

भीड़ की भीड़ उनके चारों ओर उमड़ रही थी और वह कहने लगे, "यह एक विधर्मी पीढ़ी है। यह एक चिह्न माँगती है, परन्तु नबी योनस के चिह्न को छोड़ इसे और कोई चिह्न नहीं दिया जायेगा। जिस प्रकार योनस निनिवे-निवासियों के लिए एक चिह्न बन गया था, उसी प्रकार मानव पुत्र भी इस पीढ़ी के लिए एक चिह्न बन जायेगा। न्याय के दिन दक्षिण की रानी इस पीढ़ी के लोगों के साथ जी उठेगी और इन्हें दोषी ठहरायेगी, क्योंकि वह सुलेमान की प्रज्ञा सुनने के लिए पृथ्वी के सीमान्तों से आयी थी, और देखो - यहाँ वह है, जो सुलेमान से भी महान् है ! न्याय के दिन निनिवे के लोग इस पीढ़ी के साथ जी उठेंगे और इसे दोषी ठहरायेंगे, क्योंकि उन्होंने यौनस का उपदेश सुन कर पश्चात्ताप किया था, और देखो यहाँ वह है, जो योनस से भी महान् है !"

प्रभु का सुसमाचार।