ईश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। उसके अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम (यहूदी) मसीह द्वारा बुलाये जायें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था। आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का सुसमाचार सुन लेने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी है, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी। वह हमारी विरासत का आश्वासन है और ईश्वर की प्रजा की मुक्ति की तैयारी, जिससे उसकी महिमा की स्तुति हो ।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : धन्य हैं वे लोग, जिन्हें प्रभु ने अपनी प्रजा बना लिया है।
1. हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ ! स्तुतिगान करना भक्तों के लिए उचित है। वीणा बजाते हुए प्रभु का धन्यवाद करो, सारंगी पर उसका स्तुतिगान करो
2. प्रभु का वचन सच्चा है, उसके समस्त कार्य विश्वसनीय हैं। उसे धार्मिकता तथा न्याय प्रिय हैं। पृथ्वी उसके प्रेम से भरपूर है
3. धन्य हैं वे लोग, जिसका ईश्वर प्रभु है, जिन्हें प्रभु ने अपनी प्रजा बना लिया है। प्रभु आकाश के ऊपर से दृष्टि डालता और सभी मनुष्यों को देखता रहता है।
अल्लेलूया ! हे प्रभु ! तेरा प्रेम हम पर बना रहे । तुझ पर ही हमारा भरोसा है। अल्लेलूया !
उस समय भीड़ इतनी बढ़ गयी थी कि लोग एक दूसरे को कुचल रहे थे। येसु मुख्य रूप से अपने शिष्यों से कहने लगे, “फरीसियों के कपटरूपी खमीर से सावधान रहो। ऐसा कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा और ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा। तुमने जो कुछ अँधेरे में कहा है, वह उजाले में सुना जायेगा और तुमने जो कुछ एकांत में फुसफुसा कर कहा है, वह पुकार-पुकार कर दुहराया जायेगा ।" "मैं तुम, अपने मित्रों से कहता हूँ जो लोग शरीर को मार डालते हैं, परन्तु उसके बाद और कुछ नहीं कर सकते, उनसे नहीं डरो। मैं तुम्हें बताता हूँ कि किस से डरना चाहिए उस से डरो, जिसका मारने के बाद नरक में डालने का अधिकार है। हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, उसी से डरो।" "क्या दो पैसे में पाँच गौरैयाँ नहीं बिकतीं? फिर भी ईश्वर उन में से एक को भी नहीं भुलाता है। हाँ, तुम्हारे सिर का बाल-बाल गिना हुआ है। इसलिए नहीं डरो। तुम बहुतेरी गौरैयों से बढ़ कर हो ।”
प्रभु का सुसमाचार।