वर्ष का अट्ठाईसवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

एफेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:15-23

"उसने मसीह को कलीसिया का शीर्ष नियुक्त किया है। कलीसिया मसीह का शरीर है।"

मैंने प्रभु येसु में आप लोगों के विश्वास और सभी सन्तों के प्रति आपके भ्रातृप्रेम के विषय में सुना है। मैं आप लोगों के कारण ईश्वर को निरन्तर धन्यवाद देता और अपनी प्रार्थनाओं में आप लोगों का स्मरण करता रहता हूँ। महिमामय पिता, हमारे प्रभु येसु मसीह का ईश्वर, आप लोगों को प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसे सचमुच जान सकें । वह आप लोगों के मन की आँखों को ज्योति प्रदान करे जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान् है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है, और हम विश्वासियों के कल्याण के लिए सक्रिय रहने वाले ईश्वर का सामर्थ्य कितना अपार है। ईश्वर ने मसीह में वही सामर्थ्य प्रदर्शित किया, जब उसने मृतकों में से उन्हें जिलाया और स्वर्ग में अपने दाहिने बैठा दिया। स्वर्ग में कितने ही प्राणी क्यों न हों और उनका नाम कितना ही महान् क्यों न हो, उन सब के ऊपर ईश्वर ने, इस युग के लिए और आने वाले युग के लिए, मसीह को स्थान दिया है। उसने सब कुछ मसीह के पैरों तले डाल दिया और उन को सब कुछ पर अधिकार दे कर कलीसिया का शीर्ष नियुक्त किया है। कलीसिया मसीह का शरीर और उनकी परिपूर्णता है। मसीह सब कुछ, सब तरह से पूर्णता तक पहुँचा देते हैं।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 8:2-7

अनुवाक्य : तूने अपने पुत्र को अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया है।

1. हे प्रभु ! हमारे ईश्वर ! तेरा नाम समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है। तेरी महिमा आकाश से भी ऊँची है। बालक और दुधमुँहे बच्चे तेरा गुणगान करते हैं

2. जब मैं तेरे बनाये हुए आकाश, चाँद और तारे देखता हूँ, तो सोचने लगता हूँ। मनुष्य क्या है, जो तू उसकी सुध ले? आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देखभाल करे?

3. तूने उसे स्वर्गदूत से कुछ ही कम बनाया और उसे महिमा तथा सम्मान का मुकुट पहनाया। तूने उसे अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया ।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "सत्य का आत्मा मेरे विषय में साक्ष्य देगा और तुम भी साक्ष्य होगे।" अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:8-12

"उसी घड़ी पवित्र आत्मा तुम्हें सिखायेगा, कि तुम्हें क्या-क्या कहना चाहिए।"

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मानव पुत्र भी ईश्वर के दूतों के सामने स्वीकार करेगा। परन्तु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, वह ईश्वर के दूतों के सामने अस्वीकार किया जायेगा।" "यदि कोई मानव पुत्र के विरुद्ध कुछ कहे तो उसे क्षमा मिल जायेगी, परन्तु पवित्र आत्मा की निन्दा करने वाले को क्षमा नहीं मिलेगी ।" "जब वे तुम्हें सभागृहों, न्यायधीशों और शासकों के सामने खींच ले जायेंगे, तो यह चिन्ता न करो कि हम कैसे बोलेंगे और अपनी ओर से क्या कहेंगे; क्योंकि उसी घड़ी पवित्र आत्मा तुम्हें सिखायेगा कि तुम्हें क्या-क्या कहना चाहिए।"

प्रभु का सुसमाचार।