वर्ष का उनतीसवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

एफेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:2-12

"अब यह रहस्य प्रकट हुआ है और गैरयहूदी एक ही प्रतिज्ञा के सहभागी हैं।"

आप लोगों ने अवश्य सुना होगा कि परमदयालु ईश्वर ने आपकी भलाई के लिए मुझे यह कार्य सौंपा है। उसने मुझ पर वह रहस्य प्रकट किया है और मैं उसका संक्षिप्त विवरण ऊपर दे चुका हूँ। उसे पढ़ कर आप लोग जान सकते हैं कि मैं मसीह का रहस्य समझता हूँ। वह रहस्य पिछली पीढ़ियों को नहीं बताया गया था और तब आत्मा के द्वारा उसके पवित्र प्रेरितों और नबियों पर प्रकट किया गया है। वह रहस्य यह है कि सुसमाचार के द्वारा यहूदियों के साथ गैरयहूदी एक ही विरासत के अधिकारी हैं, एक शरीर के अंग हैं और येसु मसीह-विषयक प्रतिज्ञा के सहभागी हैं। ईश्वर ने अपने सामर्थ्य के अधिकार से मुझे यह कृपा प्रदान की कि मैं उस सुसमाचार का सेवक बनूँ। मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह वरदान मिला है कि मैं गैरयहूदियों को मसीह की अपार कृपा-निधि का सुसमाचार सुनाऊँ और मुक्ति-विधान का वह रहस्य पूर्ण रूप से प्रकट करूँ, जिसे समस्त विश्व के सृष्टिकर्त्ता ने अब तक गुप्त रखा था। इस तरह कलीसिया के माध्यम से स्वर्ग के दूतगण ईश्वर की बहुविध प्रज्ञा का ज्ञान प्राप्त करेंगे। ईश्वर ने अनन्तकाल से जो उद्देश्य अपने मन में रखा था, उसने उसे हमारे प्रभु येसु मसीह द्वारा पूरा किया है। हम मसीह में विश्वास करते हैं और इसलिए हम पूरे भरोसे के साथ निर्भय हो कर ईश्वर के पास जाते हैं।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : इसायस 12:2-6

अनुवाक्य : तुम आनन्दित हो कर मुक्ति के स्त्रोत में से जल भरोगे।

1. ईश्वर मेरा उद्धार करेगा। वही मेरा भरोसा है। अब मैं नहीं डरूंगा, क्योंकि प्रभु मेरा बल है और मेरे गीत का विषय। वही मेरा उद्धार करेगा। तुम आनन्दित हो कर मुक्ति के स्रोत में से जल भरोगे।

2. प्रभु का धन्यवाद करो; उसके नाम की स्तुति करो। राष्ट्रों में उसके महान् कार्यों का बखान करो, उसके नाम की महिमा गाओ।

3. प्रभु की स्तुति करो; उसने चमत्कार दिखाये हैं। पृथ्वी भर उनका बखान करने जाओ। सियोन की प्रजा! प्रफुल्लित हो कर आनन्द के गीत गाओ। तुम्हारे बीच रहने वाला इस्राएल का परमपावन ईश्वर महान् है।

📒जयघोष

अल्लेलूया! "जागते रहो और तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम उसके आने की नहीं सोचते, उसी घड़ी मानव पुत्र आयेगा। " अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:39-48

"जिसे बहुत दिया गया है, उस से बहुत माँगा जायेगा।"

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "यह अच्छी तरह समझ लो यदि घर के स्वामी को मालूम होता कि चोर किस घड़ी आयेगा, तो वह अपने घर में सेंध लगने नहीं देता। तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी तुम उसके आने की नहीं सोचते, उसी घड़ी मानव पुत्र आयेगा। " पेत्रुस ने उन से कहा, "प्रभु! क्या आप यह दृष्टान्त हमारे लिए ही कहते हैं या सबों के लिए? " प्रभु ने कहा, "कौन ऐसा ईमानदार और बुद्धिमान् कारिन्दा है, जिसे उसका स्वामी अपने नौकर-चाकरों पर नियुक्त करेगा ताकि वह समय पर उन्हें रसद बाँटा करे? धन्य है वह सेवक, जिसका स्वामी आने पर उसे ऐसा ही करता हुआ पायेगा! मैं तुम से कहे देता हूँ, वह उसे अपनी सारी सम्पत्ति पर नियुक्त करेगा। परन्तु यदि वह सेवक अपने मन में कहे, 'मेरा स्वामी आने में देर करता है' और वह दास-दासियों को पीटने, खाने-पीने और नशेबाजी करने लगे, तो उस सेवक का स्वामी ऐसे दिन आयेगा, जब वह उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा होगा और ऐसी घड़ी, जिसे वह नहीं जान पायेगा। तब स्वामी उसे कोड़े लगवायेगा और विश्वासघातियों को दण्ड देगा।" "अपने स्वामी की इच्छा जान कर भी जिस सेवक ने कुछ तैयार नहीं किया है, और न उसकी इच्छा के अनुसार काम किया है, वह बहुत मार खायेगा। जिसने अनजाने ही मार खाने का काम किया है वह थोड़ी मार खायेगा। जिसे बहुत दिया गया है, उस से बहुत माँगा जायेगा और जिसे बहुत सौंपा गया है, उस से अधिक माँगा जायेगा।

प्रभु का सुसमाचार।