उस पिता के सामने, जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर प्रत्येक परिवार का मूल आधार है, मैं घुटने टेक कर यह प्रार्थना करता हूँ कि वह अपने आत्मा के द्वारा आप लोगों को अपनी अपार कृपानिधि में से आभ्यन्तर शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करे, जिससे मसीह विश्वास द्वारा आपके हृदयों में निवास करें, प्रेम में आपकी जड़ें गहरी हों और नींव सुदृढ़ हो। इस तरह आप लोग सब अन्य सन्तों के साथ मसीह के प्रेम की चौडाई, लम्बाई, ऊँचाई और गहराई समझ सकेंगे। आप लोगों को उनके प्रेम का ज्ञान प्राप्त होगा, यद्यपि वह ज्ञान से परे है। इस प्रकार आप लोग, ईश्वर की पूर्णता तक पहुँच कर, स्वयं परिपूर्ण हो जायेंगे। जिसकी शक्ति हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न करने में समर्थ है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे हैं, उसी को कलीसिया और येसु मसीह द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी, युग युगों तक महिमा! आमेन!
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : पृथ्वी प्रभु के प्रेम से भरपूर है।
1. हे धर्मियो! प्रभु में आनन्द मनाओ। स्तुतिगान करना भक्तों के लिए उचित है। वीणा बजाते हुए प्रभु का धन्यवाद करो, सारंगी पर उनका स्तुतिगान करो।
2. प्रभु का वचन सच्चा है, उसके समस्त कार्य विश्वसनीय हैं। उसे धार्मिकता तथा न्याय प्रिय हैं। पृथ्वी उसके प्रेम से भरपूर है।
3. उसकी अपनी योजनाएँ चिरस्थायी हैं, उसके अपने उद्देश्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहते हैं। धन्य हैं वे लोग, जिनका ईश्वर प्रभु है, जिन्हें प्रभु ने अपनी प्रजा बना लिया है।
4. प्रभु की कृपादृष्टि अपने भक्तों पर बनी रहती है, उन पर जो उनके प्रेम से यह आशा करते हैं। कि वह उन्हें मृत्यु से बचायेगा और अकाल के समय उनका पोषण करेगा।
अल्लेलूया! मैंने सब कुछ छोड़ दिया और उसे कूड़ा समझता हूँ, जिससे मैं मसीह को प्राप्त करूँ और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊँ। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "मैं पृथ्वी पर आग ले कर आया हूँ और मेरी कितनी अभिलाषा है कि यह अभी धधक उठे! मुझे एक बपतिस्मा लेना है और जब तक वह नहीं हो जाता, मैं कितना व्याकुल हूँ।" "क्या तुम लोग समझते हो कि मैं पृथ्वी पर शांति ले कर आया हूँ? मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है। मैं फूट डालने आया हूँ। क्योंकि अब से यदि एक घर में पाँच व्यक्ति होंगे, तो उन में फूट होगी। तीन दो के विरुद्ध होंगे और दो तीन के विरुद्ध। पिता अपने पुत्र के विरुद्ध होगा और पुत्र अपने पिता के विरुद्ध। माता अपनी पुत्री के विरुद्ध होगी और पुत्री अपनी माता के विरुद्ध। सास अपनी बहू के विरुद्ध होगी और बहू अपनी सास के विरुद्ध।"
प्रभु का सुसमाचार।