हम मसीह के प्रति श्रद्धा रखने के कारण एक दूसरे के अधीन रहें। पत्नी प्रभु जैसे अपने पति के अधीन रहे। पति उसी तरह पत्नी का शीर्ष है, जिस तरह मसीह कलीसिया के शीर्ष हैं और उनके शरीर के मुक्तिदाता। जिस तरह कलीसिया मसीह के अधीन रहती है, उसी तरह पत्नी को भी सब बातों में अपने पति के अधीन रहना चाहिए। पतियो! अपनी पत्नी को उसी तरह प्यार करो, जिस तरह मसीह ने कलीसिया को प्यार किया है। उन्होंने उसके लिए अपने को अर्पित किया है, जिससे वह उसे पवित्र कर सकें और वचन तथा जल के स्नान द्वारा शुद्ध कर सकें। क्योंकि वह एक ऐसी कलीसिया अपने सामने उपस्थित करना चाहते थे जो महिमामय हो, जिस में न दाग हो, न फुर्री और न कोई दूसरा दोष, जो पवित्र और निष्कलंक हो। पति अपनी पत्नी को उसी तरह प्यार करे, मानो कि वह उसका अपना शरीर हो। कोई भी अपने शरीर से बैर नहीं रखता। उल्टे, वह उसका पालन-पोषण करता है और उसकी देखभाल करता रहता है। मसीह कलीसिया के साथ ऐसा करते हैं, क्योंकि हम उनके शरीर के अंग हैं। धर्मग्रंथ में लिखा है- पुरुष अपने माता-पिता को छोड़ेगा और अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे : यह एक महान् रहस्य है। मैं समझता हूँ कि यह मसीह और कलीसिया के सम्बन्ध की ओर संकेत करता है। जो भी हो, आप लोगों में हर एक अपनी पत्नी को अपने समान प्यार करे और पत्नी पति का आदर करे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : धन्य हैं वे, जो प्रभु पर श्रद्धा रखते हैं।
1. धन्य हो तुम, जो प्रभु पर श्रद्धा रखते हो और उसके मार्ग पर चलते हो। तुम अपने हाथ की कमाई से सुखपूर्वक जीवन बिताओगे।
2. तुम्हारी पत्नी घर के आँगन में दाखलता की भाँति फलेगी फूलेगी। तुम्हारी सन्तान जैतून की टहनियों की भाँति तुम्हारे चौके की शोभा बढ़ायेगी।
3. जो ईश्वर पर भरोसा रखता है, उसे वही आशिष प्राप्त होगी। ईश्वर सियोन पर्वत से तुम्हें जीवन भर आशीर्वाद प्रदान करते रहे, जिससे तुम येरुसालेम का कुशल-मंगल देख पाओ।
अल्लेलूया! हे पिता! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ। क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया!
येसु ने यह कहा, "ईश्वर का राज्य किसके सदृश है? मैं इसकी तुलना किस से करूँ? वह उस राई के दाने के सदृश है, जिसे एक मनुष्य ने लिया और अपनी बारी में बोया। वह बढ़ते-बढ़ते पेड़ हो गया और आकाश के पंक्षी उसकी डालियों में बसेरा करने आये। " उन्होंने फिर कहा, "मैं ईश्वर के राज्य की तुलना किस से करूँ? वह उस खमीर के सदृश है, जिसे एक स्त्री ने ले कर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और सारा आटा खमीरा हो गया!"
प्रभु का सुसमाचार।