वर्ष का तीसवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

एफेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 6:1-9

"मानो आप मनुष्यों की नहीं, बल्कि मसीह की सेवा करते हों।"

बच्चो! अपने माता-पिता की आज्ञा मानो, क्योंकि यह उचित है। अपने माता-पिता का आदर करो - यह पहला ऐसा आज्ञा है जिसके साथ एक प्रतिज्ञा भी जुड़ी हुई है, जो इस प्रकार है - जिससे तुम्हारा कल्याण हो और तुम बहुत दिनों तक पृथ्वी पर जीते रहो। पिता अपने बच्चों को खिझाया नहीं करें, बल्कि प्रभु के अनुरूप शिक्षा और उपदेश द्वारा उनका पालन-पोषण करें। दासों से मेरा यह अनुरोध है कि जो लोग इस पृथ्वी पर आपके स्वामी हैं, आप डरते-काँपते और निष्कपट हृदय से उनकी आज्ञा पूरी करें, मानो आप मसीह की सेवा कर रहे हों। आप मनुष्यों को प्रसन्न करने के उद्देश्य से दिखावे मात्र के लिए नहीं, बल्कि मसीह के दासों की तरह ऐसा करें, जो सारे हृदय से ईश्वर की इच्छा पूरी करते हैं। आप प्रसन्नता से अपना सेवा- कार्य करते रहें, मानो आप मनुष्यों की नहीं, बल्कि प्रभु की सेवा करते हों; क्योंकि आप जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य, चाहे वह दास हो या स्वतन्त्र, जो भी भलाई करेगा, वह उसका पुरस्कार प्रभु से प्राप्त करेगा। आप जो स्वामी हैं, दासों के साथ ऐसा ही व्यवहार करें। आप धमकियाँ देना छोड़ दें, क्योंकि आप जानते हैं कि स्वर्ग में उनका और आपका एक ही स्वामी है, और वह किसी के साथ पक्षपात नहीं करता है।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 144

अनुवाक्य : प्रभु अपनी सब प्रतिज्ञाएँ पूरी करता है।

1. हे प्रभु! तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करे; तेरे भक्त धन्य कहें। वे तेरे राज्य की महिमा गायें और तेरे सामर्थ्य का बखान करें।

2. जिससे सभी मनुष्य तेरे महान् कार्य और तेरे राज्य की अपार महिमा जान जायें। तेरे राज्य का कभी अंत नहीं होगा। तेरा शासन पीढ़ी-दर-पीढ़ी बना रहेगा।

3. प्रभु अपनी सब प्रतिज्ञाएँ पूरी करता है। उसके समस्त कार्य उसके प्रेम से पूर्ण हैं। प्रभु निर्बल को सँभालता और झुके हुए को सीधा करता है।

📒जयघोष

अल्लेलूया! ईश्वर ने सुसमाचार द्वारा हमें हमारे प्रभु मसीह की महिमा का भागी बना दिया है। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:22-30

"लोग पूर्व और पश्चिम से आयेंगे और ईश्वर के राज्य में सम्मिलित होंगे।"

येसु नगर-नगर, गाँव-गाँव, उपदेश देते हुए येरुसालेम के मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। किसी ने उन से पूछा, "प्रभु! क्या थोड़े ही लोग मुक्ति पाते हैं? " इस पर येसु ने उन से कहा, "सँकरे द्वार से प्रवेश करने का पूरा-पूरा प्रयत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ - प्रयत्न करने पर भी बहुत-से लोग प्रवेश नहीं कर पायेंगे। जब घर का स्वामी उठ कर द्वार बन्द कर चुका होगा और तुम बाहर रह कर द्वार खटखटाने और कहने लगोगे, 'हे प्रभु! हमारे लिए खोल दीजिए', तो वह तुम्हें उत्तर देगा, 'मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ के हो। ' तब तुम कहने लगोगे, 'हमने आपके सामने खाया-पीया और आपने हमारे बाजारों में उपदेश दिया'। पर वह तुम से कहेगा, 'मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ के हो। रे कुकर्मियो! तुम सब मुझ से दूर हटो। ' जब तुम इब्राहीम, इसहाक, याकूब और सभी नबियों को ईश्वर के राज्य में देखोगे, परन्तु अपने को बहिष्कृत पाओगे, तो तुम रोओगे और दाँत पीसते रहोगे। पूर्व तथा पश्चिम से और उत्तर तथा दक्षिण से लोग आयेंगे और ईश्वर के राज्य में भोज में सम्मिलित होंगे। देखो, कुछ जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे और कुछ जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे।"

प्रभु का सुसमाचार।