भाई! मुझे यह जान कर बड़ा आनन्द हुआ और सान्त्वना मिली कि आपने अपने भ्रातृप्रेम द्वारा विश्वासियों का हृदय हरा कर दिया है। इसलिए यद्यपि मुझे आप को आपके कर्त्तव्य का स्मरण दिलाने का पूरा अधिकार है, फिर भी मैं भ्रातृप्रेम के नाम पर आप से निवेदन करना अधिक उचित समझता हूँ। मैं पौलुस, जो बूढ़ा हो चला और आजकल येसु मसीह के कारण कैदी भी हूँ, ओनेसिमुस के लिए आप से निवेदन कर रहा हूँ। वह मेरा पुत्र है, क्योंकि मैं कैद में उसका आध्यात्मिक पिता बन गया हूँ। आप को पहले ओनेसिमुस से कोई विशेष लाभ नहीं हुआ था। अब वह आपके लिए भी 'उपयोगी' बन गया है और मेरे लिए भी। मैं अपने कलेजे के इस टुकड़े को आपके पास वापस भेज रहा हूँ। मैं, जो सुसमाचार के कारण कैदी हूँ, इसे यहाँ अपने पास रखना चाहता था, जिसे यह आपके बदले मेरी सेवा करे। किन्तु आपकी सहमति के बिना मैंने कुछ भी नहीं करना चाहा जिससे आप यह उपकार लाचारी से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से करें। ओनेसिमुस शायद इसलिए कुछ समय तक आप से ले लिया गया था कि यह आप को सदा के लिए प्राप्त हो, अब दास के रूप में नहीं, बल्कि दास से कहीं बढ़ कर अति-प्रिय भाई के रूप में। यह मुझे अत्यन्त प्रिय है और आपको कहीं अधिक - मनुष्य के नाते भी और प्रभु के शिष्य के नाते भी। इसलिए यदि आप मुझे धर्म-भाई समझते हैं, तो इसे मुझ जैसे अपनाइए। यदि आप को इस से कोई हानि हुई है या इस पर आपका कोई क़र्ज़ है, तो उसे मेरे खर्चे में लिखिए। मैं पौलुस अपने हाथ से लिख रहा हूँ मैं उसे चुका दूँगा। क्या मैं आप को उसका स्मरण दिलाऊँ कि आप पर भी मेरा कुछ कर्ज है आप तो मेरे ही हैं। भाई! प्रभु के नाम पर मुझे आप से कोई लाभ हो। आप मसीह के कारण मेरा हृदय हरा कर दीजिए।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : धन्य है वह, जिसका सहायक याकूब का ईश्वर है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. प्रभु सदा ही सत्यप्रतिज्ञ है। वह पद्दलितों को न्याय दिलाता है, वह भूखों को तृप्त करता और बन्दियों को मुक्त कर देता है।
2. वह अन्धों की आँखों को अच्छा करता और झुके हुए को सीधा करता है, वह परदेशी की रक्षा करता और अनाथ तथा विधवा को सँभालता है।
3. प्रभु धर्मियों को प्यार करता और विधर्मियों के मार्ग में बाधा डालता है। प्रभु, सियोन का ईश्वर, युगानुयुग राज्य करता रहेगा।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं जिस में रहता हूँ, वही बहुत फलता है।" अल्लेलूया!
जब फरीसियों ने उन से पूछा कि ईश्वर का राज्य कब आयेगा, तो येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "ईश्वर का राज्य प्रकट रूप से नहीं आता। लोग नहीं कह सकेंगे, 'देखो वह यहाँ है' अथवा 'देखो वह वहाँ है' क्योंकि ईश्वर का राज्य तुम्हारे ही बीच है।" येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "ऐसा समय आयेगा जब तुम मानव पुत्र को एक दिन भी देखना चाहोगे, किन्तु उसे नहीं देख पाओगे। लोग तुम से कहेंगे, 'देखो वह यहाँ है", अथवा, 'देखो - वह वहाँ है', तो तुम उधर नहीं जाना, उनके पीछे नहीं दौड़ना। क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से निकल कर दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मानव पुत्र अपने दिन प्रकट होगा। परन्तु पहले उसे बहुत दुःख सहना और इस पीढ़ी द्वारा ठुकराया जाना है।"
प्रभु का सुसमाचार।