यह येसु मसीह की प्रकाशना है। यह उन्हें ईश्वर की ओर से प्राप्त हुई, जिससे वह अपने सेवकों को निकट भविष्य में होने वाली घटनाएँ दिखायें। उसने अपने दूत को भेज कर इस प्रकाशना का ज्ञान अपने सेवक योहन को कराया। योहन ने जो कुछ देखा है वह सब बता कर अनुप्रमाणित करता है कि यह ईश्वर का वचन और येसु मसीह का साक्ष्य है। धन्य है वह जो यह भविष्यवाणी पढ़ता है और धन्य हैं वे जो इसके शब्द सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों का ध्यान रखते हैं, क्योंकि वह समय निकट आ गया है। एशिया की कलीसियाओं को योहन का संदेश। जो है, जो था और जो आने वाला है, उसकी ओर से आप लोगों को अनुग्रह और शांति प्राप्त हो; और उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहने वाले सात आत्माओं और येसु मसीह की ओर से भी। मैंने प्रभु को यह कहते सुना, "एफेसुस की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिखो। जो अपने दाहिने हाथ में सातों तारों को धारण किये हुए है और सोने के सात दीपाधारों के बीच घूम रहा है, उसका संदेश इस प्रकार है। मैं तुम्हारे आचरण, तुम्हारे परिश्रम और धैर्य से परिचित हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम दुष्टों को सह नहीं सकते। जो अपने को प्रेरित कहते हैं, किन्तु हैं नहीं, तुमने उनकी परीक्षा ली है और उन्हें झूठा पाया है। तुम्हारे पास धैर्य है; तुमने मेरे नाम के कारण कष्ट सहा और हार नहीं मानी है।" "किन्तु मुझे तुम से यह शिकायत है कि तुमने अपना पहला धर्मोत्साह छोड़ दिया है। इस पर विचार करो कि तुम कितने ऊँचे स्थान से गिर गये हो। पश्चात्ताप करो और पहले जैसा आचरण करो।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मैं विजयी को जीवन-वृक्ष का फल खिलाऊँगा।
1. धन्य है वह मनुष्य, जो दुष्टों की सलाह नहीं मानता, जो पापियों के मार्ग पर नहीं चलता और अधर्मियों के साथ नहीं बैठता, जो प्रभु का नियम हृदय से चाहता और रात-दिन मनन करता है।
2. वह उस वृक्ष के सदृश है, जो जलस्त्रोत के पास लगाया गया है, जो समय पर फल देता है और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। वह मनुष्य अपने सब कामों में सफल हो जाता है।
3. दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, नहीं होते; वे तो पवन द्वारा छितरायी हुई भूसी के सदृश हैं। प्रभु धर्मियों के मार्ग की रक्षा करता है, किन्तु दुष्टों का मार्ग विनाश की ओर ले जाता है।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, उसे जीवन की ज्योति प्राप्त होगी।” अल्लेलूया!
जब येसु येरिको के निकट आ रहे थे, तो एक अंधा सड़क के किनारे बैठा भीख माँग रहा था। उसने भीड़ को गुजरते सुन कर पूछा कि क्या हो रहा है। लोगों ने उसे बताया कि येसु नाजरी इधर से आ रहे हैं। इस पर वह यह कह कर पुकार उठा, "हे येसु! दाऊद के पुत्र! मुझ पर दया कीजिए।" आगे चलने वाले उसे चुप करने के लिए डाँटते थे, किन्तु वह और भी जोर से पुकारता रहा, "दाऊद के पुत्र! मुझ पर दया कीजिए।" येसु ने रुक कर उसे पास ले आने को कहा। जब वह पास आया, तो येसु ने उस से पूछा, "क्या चाहते हो? मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ? " उसने उत्तर दिया, "प्रभु! मैं फिर देख सकूँ।" येसु ने उस से कहा, "जाओ, तुम्हारे विश्वास ने तुम्हारा उद्धार किया है।" वह उसी क्षण देखने लगा और ईश्वर की स्तुति करते हुए येसु के पीछे हो लिया। सारी जनता ने यह देख कर ईश्वर की स्तुति की।
प्रभु का सुसमाचार।