वर्ष का चौंतीसवाँ सप्ताह, मंगलवार - वर्ष 2

📕पहला पाठ

प्रकाशना-ग्रन्थ 14:14-20

"कटनी का समय आ गया है; पृथ्वी की फसल पक चुकी है।“

मैं-योहन-ने देखा कि एक उजला बादल दिखाई पड़ रहा है। उस पर मानव पुत्र जैसा कोई बैठा हुआ है। उसके सिर पर सोने का मुकुट है और हाथ में एक पैनी हँसिया। एक दूसरा स्वर्गदूत मंदिर से निकला और ऊँचे स्वर से पुकारते हुए बादल पर बैठने वाले से बोला, "अपनी हँसिया चला कर लुनिए, क्योंकि कटनी का समय आ गया है और पृथ्वी की फसल पक चुकी है।" बादल पर बैठने वाले ने अपनी हँसिया चलायी और पृथ्वी की फसल कट गयी। तब एक दूसरा स्वर्गदूत स्वर्ग के मंदिर से निकला, वह भी एक पैनी हँसिया लिये था। एक और स्वर्गदूत ने, जिसे अग्नि पर अधिकार था, वेदी पर से आ कर ऊँचे स्वर से उस स्वर्गदूत से कहा, 'जो पैनी हँसिया लिये था', "अपनी पैनी हँसिया चला कर पृथ्वी की दाखबारी के गुच्छे बटोर लीजिए, क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।" इस पर स्वर्गदूत ने अपनी हँसिया चलायी और पृथ्वी की दाखबारी की फसल बटोर कर उसे ईश्वर के कोप रूपी विशाल कुण्ड में डाल दिया। नगर के बाहर कुण्ड रौंद दिया गया और उस में से जो रक्त निकला, वह सोलह सौ फरलाँग की दूरी तक, घोड़ों की बागडोर की ऊँचाई तक, पहुँच गया।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 95:10-13

अनुवाक्य : प्रभु पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है।

1. राष्ट्रों को यह घोषित करो, "प्रभु ही राजा है।" उसी ने पृथ्वी का आधार सुदृढ़ बना दिया। वह न्यायपूर्वक सभी लोगों का न्याय करेगा।

2. स्वर्ग में आनन्द हो और पृथ्वी पर उल्लास, सागर की लहरें गरज उठें, खेतों के पौधे खिल जायें। और बन के सभी वृक्ष आनन्द का गीत गायें।

3. क्योंकि प्रभु का आगमन निश्चित है। वह पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है। वह धर्म और सच्चाई से संसार के राष्ट्रों का शासन करेगा।

📒जयघोष

अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मृत्यु तक ईमानदार बने रहो। और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट पहनाऊँगा।” अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 21:5-11

"उसका एक पत्थर भी दूसरे पत्थर पर नहीं पड़ा रहेगा।"

कुछ लोग मंदिर के विषय में कह रहे थे कि वह सुन्दर पत्थरों और मनौती के उपहारों से सजा हुआ है। इस पर येसु ने कहा, "वे दिन आ रहे हैं, जब जो कुछ, तुम देख रहे हो, उसका एक पत्थर भी दूसरे पत्थर पर नहीं पड़ा रहेगा दिया जायेगा।" उन्होंने येसु से पूछा, "गुरुवर! यह कब होगा और किस चिह्न से पता चलेगा कि वह पूरा होने को है? " उन्होंने उत्तर दिया, "सावधान रहो। तुम्हें कोई नहीं बहकाये; क्योंकि बहुत-से लोग मेरा नाम ले कर आयेंगे और कहेंगे, "मैं वही हूँ, और 'वह समय आ गया है'। उनके अनुयायी नहीं बनो। जब तुम युद्धों और क्रांतियों की चर्चा सुनोगे, तो, मत घबराना। पहले ऐसा हो जाना अनिवार्य है। परन्तु यही अन्त नहीं है।" तब येसु ने उन से कहा, "राष्ट्र के विरुद्ध राष्ट्र उठ खड़ा होगा और राज्य के विरुद्ध राज्य। भारी भूकम्प होंगे; जहाँ-तहाँ महामारी तथा अकाल पड़ेगा। आतंकित करने वाले दृश्य दिखाई देंगे और आकाश में महान् चिह्न प्रकट होंगे।”

प्रभु का सुसमाचार।