ईशवचन विषयानुसार

दूसरा आगमन, प्रभु येसु का


योहन 14:1-3 “ तुम्हारा जी घबराये नहीं। ईश्वर में विश्वास करो और मुझ में भी विश्वास करो! (2) मेरे पिता के यहाँ बहुत से निवास स्थान हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो मैं तुम्हें बता देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये स्थान का प्रबंध करने जाता हूँ। (3) मैं वहाँ जाकर तुम्हारे लिये स्थान का प्रबन्ध करने के बाद फिर आऊँगा और तुम्हें अपने यहाँ ले जाउँगा, जिससे जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम भी रहो। “

मत्ती 23:39 “मैं तुम से कहता हूँ, अब से तुम मुझे नहीं देखोगे, जब तक तुम यह न कहोगे- धन्य हैं वह, प्रभु के नाम पर आते हैं।''

लूकस 18:8 “मैं तुम से कहता हूँ-वह शीघ्र ही उनके लिए न्याय करेगा। परन्तु जब मानव पुत्र आयेगा, तो क्या वह पृथ्वी पर विश्वास बचा हुआ पायेगा?''

योहन 14:18 “मैं तुम लोगो को अनाथ छोडकर नहीं जाऊँगा, मैं तुम्हारे पास आऊँगा।“

योहन 14:28-29 “तुमने मुझ को यह कहते सुना- मैं जा रहा हूँ और फिर तुम्हारे पास आऊँगा। यदि तुम मुझे प्यार करते, तो आनन्दित होते कि मैं पिता के पास जा रहा हूँ, क्योंकि पिता मुझ से महान है। (29) मैंने पहले ही तुम लोगों को यह बताया, जिससे ऐसा हो जाने पर तुम विश्वास करो। “

प्रेरित-चरित 1:10-11 “ ईसा के चले जाते समय प्रेरित आकाश की ओर एकटक देख ही रहे थे कि उज्ज्वल वस्त्र पहने दो पुरुष उनके पास अचानक आ खड़े हुए और (11) बोले, ‘‘गलीलियो! आप लोग आकाश की ओर क्यों देखते रहते हैं? वही ईसा, जो आप लोगों के बीच से स्वर्ग में आरोहित कर दिये गये हैं, उसी तरह लौटेंगे, जिस तरह आप लोगों ने उन्हें जाते देखा है।''

प्रेरित-चरित 3:20-21 “प्रभु आप को विश्रान्ति का समय प्रदान करे। तब वह पूर्वनिर्धारित मसीह को, अर्थात् ईसा को आप लोगों के पास भेजेगा। (21) यह आवश्यक है कि वह उस विश्वव्यापी पुनरूत्थान के समय तक स्वर्ग में रहें, जिसके विषय में ईश्वर प्राचीन काल से अपने पवित्र नबियों के मुख से बोला। “

1 कुरिन्थियों 11:26 “इस प्रकार जब-जब आप लोग यह रोटी खाते और वह प्याला पीते हैं, तो प्रभु के आने तक उनकी मृत्यु की घोषणा करते हैं।“

फ़िलिप्पियों 4:5 “सब लोग आपकी सौम्यता जान जायें। प्रभु निकट हैं।“

कलोसियों 3:4 “मसीह ही आपका जीवन हैं। जब मसीह प्रकट होंगे, तब आप भी उनके साथ महिमान्वित हो कर प्रकट हो जायेंगे।“

1 थेसलनीकियों 1:10 “जिससे आप सच्चे तथा जीवन्त ईश्वर के सेवक बनें और उसके पुत्र ईसा की प्रतीक्षा करें, जिन्हें ईश्वर ने मृतकों में से जिलाया। यही ईसा स्वर्ग से उतरेंगे और हमें आने वाले प्रकोप से बचायेंगे।“

1 थेसलनीकियों 2:19 “जब हम प्रभु ईसा मसीह के आगमन पर उनके सामने खड़े होंगे, तो आप लोगों को छोड़ कर हमारी आशा या आनन्द या गौरवपूर्ण मुकुट क्या हो सकता है?”

1 थेसलनीकियों 3:13 “इस प्रकार वह उस दिन तक अपने हृदयों को हमारे पिता ईश्वर के सामने पवित्र और निर्दोष बनायें रखें, जब हमारे प्रभु ईसा अपने सब सन्तों के साथ आयेंगे।“

1 थेसलनीकियों 5:23 “शान्ति का ईश्वर आप लोगों को पूर्ण रूप से पवित्र करे। आप लोगों का मन, आत्मा तथा शरीर हमारे प्रभु ईसा मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें।“

2 थेसलनीकियों 2:7-8 “अधर्म की रहस्यमय शक्ति अभी क्रियाशील है, किन्तु वह तब तक गुप्त रहेगी, तब तक उसका अवरोध करने वाला न हटे। (8) तब विधर्मी प्रकट होगा और प्रभु ईसा अपने मुख के निश्वास से उसका वध करेंगे और अपने आगमन के प्रताप से उसका सर्वनाश करेंगे। “

1 तिमथी 6:14-16 “हमारे प्रभु ईसा मसीह की अभिव्यक्ति के दिन तक अपना धर्म निष्कलंक तथा निर्दोष बनाये रखो। (15) यह अभिव्यक्ति यथासमय परमधन्य तथा एक मात्र अधीश्वर के द्वारा हो जायेगी। वह राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है, (16) जो अमरता का एकमात्र स्रोत है, जो अगम्य ज्योति में निवास करता है, जिसे न तो किसी मनुष्य ने कभी देखा है और न कोई देख सकता है। उसे सम्मान तथा अनन्त काल तक बना रहने वाला सामर्थ्य! आमेन!

तीतुस 2:11-13 “ईश्वर की कृपा सभी मनुष्यों की मुक्ति के लिए प्रकट हो गयी है। (12) वह हमें यह शिक्षा देती है कि अधार्मिकता तथा विषयवासना त्याग कर हम इस पृथ्वी पर संयम, न्याय तथा भक्ति का जीवन बितायें (13) और उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब हमारी आशाएं पूरी हो जायेंगी और हमारे महान् ईश्वर एवं मुक्तिदाता ईसा मसीह की महिमा प्रकट होगी। “

इब्रानियों 9:28 “मसीह बहुतों के पाप हरने के लिए एक ही बार अर्पित हुए। वह दूसरी बार प्रकट हो जायेंगे- पाप के कारण नहीं, बल्कि उन लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए, जो उनकी प्रतीक्षा करते हैं।“

याकूब 5:7-9 “भाइयों। प्रभु के आने तक धैर्य रखें। किसान को देखें, जो खेत की कीमती फसल की बाट जोहता है। उसे प्रथम और अन्तिम वर्षा के आने तक धैर्य रखना पड़ता है। (8) आप लोग भी धैर्य रखें। हिम्मत न हारें, क्योंकि प्रभु का आगमन निकट है। (9) भाइयो! एक दूसरे की शिकायत न करें, जिससे आप पर दोष न लगाया जाये। देखिए, न्यायकर्ता द्वार पर खड़े हैं।“

2 पेत्रुस 1:16-18 “जब हमने आप लोगों को अपने प्रभु ईसा मसीह के सामर्थ्य तथा पुनरागमन के विषय में बताया, तो हमने कपट-कल्पित कथाओं का सहारा नहीं लिया, बल्कि अपनी ही आंखों से उनका प्रताप उस समय देखा, (17) जब उन्हें पिता-परमेश्वर के सम्मान तथा महिमा प्राप्त हुई और भव्य ऐश्वर्य में से उनके प्रति एक वाणी यह कहती हुई सुनाई पड़ी, ''यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।'' (18) जब हम पवित्र पर्वत पर उनके साथ थे, तो हमने स्वयं स्वर्ग से आती हुई यह वाणी सुनी।“

1 योहन 2:28 “बच्चो! अब तुम उन में बने रहो, जिससे जब वह प्रकट हों, तो हमें पूरा भरोसा हो और उनके आगमन पर उन से अलग होने की निराशा न हो।“

प्रकाशना 3;!1 “मैं शीघ्र ही आने वाला हूँ। जो शिक्षा तुम्हारे पास है, उस पर दृढ़ बने रहो, जिससे कोई तुम को तुम्हारे मुकुट से वंचित न करे।“

प्रकाशना 22:12 “''देखो, मैं शीघ्र ही आऊँगा। मेरा पुरस्कार मेरे पास है और मैं प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का प्रतिफल दूँगा।“

प्रकाशना 22:20 “इन बातों का साक्ष्य देने वाला यह कहता है, ''मैं अवश्य शीघ्र ही आऊँगा''। आमेन! प्रभु ईसा! आइए!”

लूकस 21:20-28 “''जब तुम लोग देखोगे कि येरुसालेम सेनाओं से घिर रहा है, तो जान लो कि उसका सर्वनाश निकट है। (21) उस समय जो लोग यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जायें; जो येरुसालेम में हों, वे बाहर निकल जायें और जो देहात में हों, वे नगर में न जायें; (22) क्योंकि वे दण्ड के दिन होंगे, जब जो कुछ लिखा है, वह पूरा हो जायेगा। (23) उनके लिए शोक, जो उन दिनों गर्भवती या दूध पिलाती होंगी! क्योंकि देश में घोर संकट और इस प्रजा पर प्रकोप आ पड़ेगा। (24) लोग तलवार की धार से मृत्यु के घाट उतारे जायेंगे। उन को बन्दी बना कर सब राष्ट्रों में ले जाया जायेगा और येरुसालेम ग़ैर-यहूदी राष्ट्रों द्वारा तब तक रौंदा जायेगा, जब तक उन राष्ट्रों का समय पूरा न हो जाये। (25) ''सूर्य, चन्द्रमा और तारों में चिन्ह प्रकट होंगे। समुद्र के गर्जन और बाढ़ से व्याकुल हो कर पृथ्वी के राष्ट्र व्यथित हो उठेंगे। (26) लोग विश्व पर आने वाले संकट की आशंका से आतंकित हो कर निष्प्राण हो जायेंगे, क्योंकि आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी। (27) तब लोग मानव पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ बादल पर आते हुए देखेंगे। (28) ''जब ये बातें होने लगेंगी, तो उठ कर खड़े हो जाओ और सिर ऊपर उठाओ, क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है।''

मारकुस 13:24-29 “''उन दिनों के संकट के बाद सूर्य अन्धकारमय हो जायेगा, चन्द्रमा प्रकाश नहीं देगा, (25) तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी। (26) तब लोग मानव पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों पर आते हुए देखेंगे। (27) वह अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, आकाश के कोने-कोने से, उसके चुने हुए लोगों को एकत्र करेंगे। (28) ''अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो। जब उसकी टहनियाँ कोमल बन जाती हैं और उन में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि गरमी आ रही है। (29) इसी तरह, जब तुम लोग यह सब देखोगे, तो जान लो कि वह निकट है, द्वार पर ही है।

मत्ती 24:27-33 “जैसे बिजली पूर्व से निकल कर पश्चिम तक चमकती है, वैसे ही मानव पुत्र का आगमन होगा। (28) ''जहाँ कहीं लाश होगी, वहाँ गीध इकट्ठे हो जायेंगे। (29) ''उन दिनों के संकट के तुरन्त बाद सूर्य अन्धकारमय हो जायेगा, चन्द्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी। (30) तब आकाश में मानव पुत्र का चिन्ह दिखाई देगा। पृथ्वी के समस्त राष्ट्र छाती पीटेंगे और मानव पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ आकाश के बादलों पर आते हुए देखेंगे। (31) वह तुरही की तुमुल ध्वनि के साथ अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, आकाश के कोने-कोन से, उसके चुने हुए लोगों को एकत्र करेंगे। (32) ''अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो। जब उसकी टहनियाँ बन जाती हैं और उन में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि गरमी आ रही है। (33) इसी तरह जब तुम लोग यह सब देखोगे, तो जान लो कि वह निकट है, द्वार पर ही है।


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