ईशवचन विषयानुसार

धीरज / Perseverence


निर्गमन 17:8-13 “अमालेकी लोगों ने आकर रफीदीम में इस्राएलियों पर आक्रमण किया। (9) मूसा ने योशुआ से कहा, ''अपने लिए आदमी चुन लो और कल सुबह अमालेकियों से युद्ध करने जाओ। (10) मैं हाथ में ईश्वर का डण्डा लिये पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूँगा।'' मूसा के आदेश के अनुसार योशुआ अमालेकियों से युद्ध करने निकला और मूसा, हारून तथा हूर पहाड़ी की चोटी पर चढ़े। (11) जब तक मूसा हाथ ऊपर उठाये रखता था, तब तक इस्राएली प्रबल बने रहते थे और जब वह अपने हाथ गिरा देता था, तो अमालेकी प्रबल हो जाते थे। (12) जब मूसा के हाथ थकने लगे, तो उन्होंने एक पत्थर ला कर भूमि पर रख दिया और मूसा उस पर बैठ गया। हारून और हूर उसके हाथ सँभालते रहे, पहला इस ओर से और दूसरा उस ओर से। (13) इस तरह मूसा ने सूर्यास्त तक अपने हाथ ऊपर उठाये रखा। योशुआ ने अमालेकियों और उनके सैनिकों को तलवार के घाट उतार दिया।“

रोमियों 12:9-12 “ आप लोगों का प्रेम निष्कपट हो। आप बुराई से घृणा तथा भलाई से प्र्रेम करें। (10) आप सच्चे भाइयों की तरह एक दूसरे को सारे हृदय से प्यार करें। हर एक दूसरों को अपने से श्रेष्ठ माने। (11) आप लोग अथक परिश्रम तथा आध्यात्मिक उत्साह से प्रभु की सेवा करें। (12) आशा आप को आनन्दित बनाये रखे। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें”

कलोसियों 12:11-12 “आप ईश्वर की महिमामय शक्ति से बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे, (12) सब कुछ आनन्द के साथ सह सकेंगे और पिता को धन्यवाद देंगे, जिसने आप को इस योग्य बनाया है कि आप ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।“

गलातियों 6:9 “ हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें; क्योंकि यदि हम दृढ़ बनें रहेंगे, तो समय आने पर अवश्य फसल लुनेंगे।“

प्रकाशना 2:10 “तुम्हें जो कष्ट भोगना होगा, उस से मत डरो। शैतान तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए तुम लोगों में कुछ को कैद में डाल देगा और तुम लोग दस दिनों तक संकट में पड़े रहोगे। तुम मृत्यु तक ईमानदार बने रहो और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा।“

प्रकाशना 3:10 “ तुम मेरे आदेशानुसार दृढ़ बने रहे, इसलिए मैं भी तुम्हें इस विपत्ति के समय सुरक्षित रखूँगा, जो समस्त पृथ्वी पर आने वाली है और उसके निवासियों की परीक्षा लेगी।“

याकूब 1:12 “ धन्य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है; परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्तों को देने की प्रतिज्ञा की है।“

थेसलनीकियों 3:13 “भाइयो! आप लोग भलाई करते हुए हिम्मत न हारें।“

रोमियों 5:3-5 " इतना ही नहीं, हम दुःख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्योंकि हम जानते हैं कि दुःख-तकलीफ से धैर्य, (4) धैर्य से दृढ़ता, और दृढ़ता से आशा उत्पन्न होती है। (5) आशा व्यर्थ नहीं होती, क्योंकि ईश्वर ने हमें पवित्र आत्मा प्रदान किया है और उसके द्वारा ही ईश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में उमड़ पड़ा है।“


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