📖 - एज़्रा का ग्रन्थ

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अध्याय 10

1) जब एज्ऱा ईश्वर के मन्दिर के सामने दण्डवत् पड़ा हुआ था और पाप स्वीकार करते और रोते हुए प्रार्थना कर रहा था, तो इस्राएली पुरुष, स्त्रियाँ और बच्चे बड़ी संख्या में उसके पास एकत्रित हो गये। लोग फूट-फूट कर रोने लगे।

2) एलामवंशी यहीएल के पुत्र शकन्या ने एज्ऱा से कहा, "इस देश के लोगों की विजातीय कन्याओं से विवाह कर हमने अपने ईश्वर के साथ विश्वासघात किया। ऐसा होने पर भी इस्राएल के लिए अभी आशा शेष है।

3) हम अपने ईश्वर के सामने यह प्रतिज्ञा करें कि हम आप पर और हमारे-ईश्वर की आज्ञा पर श्रद्धा रखने वाले व्यक्तियों के परामर्श के अनुसार इन सब स्त्रियों और इन से उत्पन्न सन्तान को त्याग देंगे, जिससे संहिता का पालन किया जाये।

4) उठिए, यह मामला आपके हाथ में है। हम आपके साथ हैं। आप दृढ़तापूर्वक यह काम पूरा कीजिए।"

5) तब एज़्रा ने उठ कर याजकों के नेताओं, लेवियों और सब इस्राएलियों से शपथ खिलवायी कि वे ऐसा ही करेंगे। उन्होंने इसकी शपथ खायी।

6) इसके बाद एज्ऱा ईश्वर के मन्दिर के सामने से उठ कर एल्याशीब के पुत्ऱ योहानान के कमरे में गया। उसने वहाँ बिना खाये-पिये रात बितायी, क्योंकि उसे निर्वासित लोगों के विश्वासघात के कारण बड़ा दुःख था।

7) अब निर्वासन से लौटे हुए यूदा और येरूसालेम भर में सब रहने वालों को सूचित किया गया कि वे येरूसालेम में एकत्रित हों।

8) जो व्यक्ति तीन दिन के अन्दर मुखियाओं और नेताओं की आज्ञा के अनुसार उपस्थित नहीं होगा, उसकी सारी सम्पत्ति ज़ब्त कर ली जायेगी और उसे निर्वासितों के समाज से बहिष्कृत कर दिया जायेगा।

9) इसलिए तीन दिन बाद यूदा और बेनयामीन के सब पुरुष येरूसालेम में एकत्रित हुए। नौवें महीने के बीसवें दिन सब लोग ईश्वर के मन्दिर के सामने चैक में बैठे हुए थे। वे इस मामले के डर से और घनघोर वर्षा के कारण काँप रहे थे।

10) याजक एज्ऱा ने उठ कर उन से कहा, "तुमने ईश्वर के साथ विश्वासघात किया और विजातीय स्त्रियों से विवाह कर तुमने इस्राएल के दोष को और भी बढ़ाया है।

11) अब प्रभु, अपने पूर्वजों के ईश्वर के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लो और उसकी इच्छा पूरी करो। देश के दूसरे लोगों से मेल-जोल मत रखो और विजातीय स्त्रियों का त्याग कर दो।"

12) सारी सभा ने ऊँचे स्वर से उत्तर दिया, "ठीक है। जैसा आपने कहा है, हमें वैसा ही करना होगा।

13) किन्तु ऐसे लोगों की संख्या बहुत है और अब वर्षा ऋतु है। हम यहाँ चैक में खड़ा नहीं रह सकते। यह मामला तो दो-एक दिन में हल होने का नहीं; क्योंकि हम लोगों में बहुतों ने इस मामले में अपराध किया है।

14) हमारे नेता समस्त सभा के नाम कार्य करें और वे सब लोग, जिन्होंने हमारे नगरों में विजातीय स्त्रियों के साथ विवाह किया है, एक निश्चित समय प्रत्येक नगर के नेताओं और न्यायकर्ताओं के साथ आ जायें, जिससे इस सम्बन्ध में ईश्वर का भड़का हुआ क्रोध हम पर से दूर हो जाये।"

15) केवल असाएल के पुत्र योनातन और तिकवा के पुत्र यहज़या ने इसका विरोध किया और मशुल्लाम एवं लेवी शब्बतय ने उनका समर्थन किया।

16) निर्वासन से लौटे लोगों ने ऐसा ही किया। एज्ऱा ने प्रत्येक घराने से मुखियाओं का चुनाव किया और प्रत्येक को नाम ले कर नियुक्त किया। उन मामलों की जाँच करने के लिए उन्होंने दसवें महीने के पहले दिन एक बैठक की

17) और पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सब पुरुषों के मामले तय कर दिये, जिन्होंने विजातीय स्त्रियों से विवाह किया था।

18) याजकों में निम्नलिखित व्यक्तियों ने विजातीय स्त्रियों से विवाह किया थाः योसादाक के पुत्र येशूआ के पुत्रों और उसके भाइयों में मासेया, एलीएज़र, यारीब और गदल्या।

19) उन्होंने हाथ-पर-हाथ रख कर अपनी पत्नियों को त्याग देने की प्रतिज्ञा की। उन में प्रत्येक ने प्रायश्चित-बलि के लिए एक मेढ़ा दिया।

20) इम्मेरे के पुत्रों में हनानी और ज़बद्या

21) हारिम के पुत्रों में मासेया, एलीया, शमाया, यहीएल और उज़्ज़ीया।

22) पशहूर के पुत्रों में एल्योएनय, मासेया, इसमाएल, नतनएल, योज़ाबाद और एलआसा।

23) लेवियों मेंः योज़ाबाद, शिमई, केलाया (अर्थात् कलीटा) , पतह्या, यूदा और एलीएज़र।

24) गायकों मेंः एल्याशीब। द्वारपालों मेंः शल्लूम, टेलेम और ऊरी।

25) इस्राएलियों मेंः परओश के वंशजों में ये थेः रम्या, यिज़्ज़ीया, मलकीया, मिय्यामिन, एलआज़ार, मलकीया और बनाया।

26) एलाम के वंशजों मेंः मत्तन्या, ज़कर्या, यहीएल, अबदी, यरेमोत और एलीया।

27) जत्तू के वंशजों मेंः एल्योएनय, एल्याशीब, मत्तन्या, यरेमोत, ज़ाबाद और अज़ीजा।

28) बेबय के वंशजों मेंः यहोहानान, हनन्या, जब्बय और अतलय।

29) बानी के वंशजों मेंः मशुल्लाम, मल्लूक, अदाया, यशूब, अशाल और यरेमोत।

30) पहत-मोआब के वंशजों मेंः अदना, कलाल, बनाया, मासेया, मत्तन्या, बसलएल, बिन्नूई और मनस्से।

31) हारमि के वंशजों मेंः एलीएज़र, यिश्शीया, मलकीया, शमाया, सिमओम,

32) बेनयामीन्, मल्लूक और शमर्या।

33) हाशुम के वंशजों मेंः मत्तनय, मत्तता, ज़ाबाद, एलिफ़ेलेट, यरेमय, मनस्से और शिमई।

34) बानी के वंशजों मेंः मादय, आम्राम, ऊएल,

35) बनाया, बेद्या, कलूहु,

36) वन्या, मरेमोत, एल्याशीब,

37) मत्तन्या, मत्तनय और यासाव।

38) बिन्नूई के वंशजों मेंः शिमई,

39) शेलेम्या, नातान, अदाया,

40) मकनदबय, शाशय, शारय,

41) अज़रएल, शेलेम्या, शमर्या,

42) शल्लम, अमर्या और यूसुफ़।

43) नेबों के वंशजों मेंः यईएल, मत्तित्या, ज़ाबाद, ज़बीना, यद्दय, योएल और बनाया।



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