📖 - ज़कारिया का ग्रन्थ (Zechariah)

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अध्याय 12

1) दिव्य वाणी। इस्राएल के विषय में प्रभु-ईश्वर की वाणी। मैं प्रभु-ईश्वर बोल रहा हूँ: मैंने ही आकाश को ताना, पृथ्वी को स्थापित किया और मनुष्य को अपना जीवन प्रदान किया।

2) "देखो, जैसे शराबी मदिरा को देख कर बिना पिये नहीं रह सकता, वैसे ही आसपास के राष्ट्र येरूसालेम पर ललचाये बिना नहीं रह सकते।

3) उस दिन मैं येरूसालेम को पत्थर बनाऊँगा, जिसे सभी राष्ट्र उठा कर ले जाना चाहेंगे, किन्तु वह अपने उठाने वालों को घायल कर देगा। पृथ्वी के सब राष्ट्र उसके विरुद्ध मिल कर तैनात होंगे।

4) प्रभु-ईश्वर का यह कहना हैः उस दिन मैं सभी घोड़ों को डराऊँगा और घुडसवारों को पागल बना दूँगा, किन्तु यूदा के घराने पर मेरी कृपादृष्टि बनी रहेगी। मैं राष्ट्रों के सभी घोडों को अन्धा बना दूँगा।

5) तब यूदा के कुल मन-ही-मन कहेंगे, ’येरूसालेम के नागरिकों का बल विश्वमण्डल का प्रभु, उनका ईश्वर है’।

6) उस दिन मैं यूदा के कुलों को लडकी के ढ़ेरों के बीच अंगीठी-सा और पूलों के बीच जलती मशाल-सा बना दूँगा। वे अपने चारों ओर के राष्ट्रों को भस्म कर देंगे, जब कि येरूसालेम पर आँच तक नहीं आने पायेगी।

7) प्रभु-ईश्वर सर्वप्रथम यूदा के परिवारों को छुडायेगा। कहीं ऐसा न हो कि अहंकार के कारण दाऊद का घराना और येरूसालेम के नागरिक यूदा को तुच्छ समझें।

8) उस दिन प्रभु-ईश्वर येरूसालेम के सभी नगरिकों को अपनी छत्रछाया में शरण देगा; उस दिन दुर्बल-से-दुर्बल दाऊद-जैसा बनेगा और दाऊद का वंश ईश्वर, प्रभु-ईश्वर के दूत के समान उनका नेतृत्व करेगा।

9) "उस दिन मैं उन सब राष्ट्रों को विनष्ट करने की योजना बनाऊँगा, जो येरूसालेम पर चढाई करते हैं।

10) मैं दाऊद के वंश और येरूसालेम के निवासियों को दया तथा प्रार्थना का भाव प्रदान करूँगा। उन्होंने जिसे छेदा है, वे उसी की ओर देखेंगे। जिस तरह कोई अपने एकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है, उसी तरह वे उसके लिए विलाप करेंगे। जिस तरह लोग अपने पहलौठे पुत्र के लिए रोते हैं, उसी तरह वे उसके लिए रोयेंगे।

11) मगिद्दोन के मैदान में हदद-रिम्मोन के विलाप के समान उस दिन यूदा में महान् शोक मनाया जायेगा।

12) कुटुम्ब-के-कुटुम्ब सारा देश विलाप करेगा; दाऊद का राजपरिवार अलग और उसकी स्त्रियाँ भी अलग; नातान का कुटुम्ब अलग और उसकी स्त्रियाँ भी अलग;

13) लेवी का कुटुम्ब अलग और उसकी स्त्रियाँ भी अलग; शिमई का कुटुम्ब अलग और उसकी स्त्रियाँ भी अलग।

14) अन्य सब कुटुम्ब भी विलाप करेंगे और उनकी स्त्रियाँ भी अलग-अलग विलाप करेंगी।



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