📖 - टोबीत का ग्रन्थ

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अध्याय 07

1) एकबतना पहुँच कर उसने कहा, "भाई अज़र्या! मुझे सीधे हमारे भाई रागुएल के पास ले जाओ"। वह उसे रागुएल के घर ले गया। वह अपने आँगन के द्वार पर बैठा हुआ था। उन्होंने उसे पहले प्रणाम किया। उसने उन से कहा, "भाइयो! भले-चंगे रहो। तुम्हारा स्वागत है|" वह उन्हें घर के अन्दर ले गया

2) और उसने अपनी पत्नी एदना से कहा, "यह युवक मेरे टोबीत-जैसा दिखता है"।

3) एदना ने उन से पूछा, "भाइयो! तुम कहाँ के हो?" उन्होंने उत्तर दिया, "हम नीनवे में निर्वासित नफ़्तालीवंशी हैं"।

4) उसने कहा, "तुम हमारे भाई टोबीत को जानते हो?" जब उन्होंने उत्तर दिया, "हम उन्हें जानते हैं", तो उसने पूछा, "वह सकुशल तो हैं?"

5) उन्होंने कहा, वह जीवित और सकुशल हैं" टोबीयाह ने कहा, "वह मेरे पिताजी हैं"

6) यह सुनते ही रागुएल ने लपक कर उसका चुम्बन किया और रोते हुए

7) कहा, "बेटा, तुम धन्य हो! तुम एक अत्युत्तम पिता के पुत्र हो। यह कितने दुर्भाग्य की बात है कि इतना धार्मिक और परोकारी मनुष्य अन्धा हो गया है" और वह अपने भाई के पुत्र टोबीयाह की छाती पर रोता रहा।

8) उसकी पत्नी और उनकी पुत्री सारा भी रोने लगी।

9) रागुएल ने अपनी भेड़ों में से एक का वध किया और उनका सहर्ष स्वागत किया। उन्होंने नहाया और अपने को पवित्र किया और जब वे भोजन करने बैठे, तो टोबीयाह ने रफ़ाएल से कहा, "भाई अज़र्या! रागुएल से कहो कि वह मुझे मेरी बहन सारा को दे दें"।

10) रागुएल ने यह सुन कर युवक से कहा, "भाई! इस रात आनन्द मनाते हुए खाओ-पिओ तुम्हारे सिवा कोई मनुष्य मेरी पुत्री सारा से विवाह करने योग्य नहीं है। तुम को छोड़ कर उसे दूसरे पुरुष को देने का मुझे अधिकार भी नहीं है, क्योंकि तुम सब से निकट सम्बन्धी हो।

11) मैं उसे अपने भाइयों में से सात पुरुषों को दे चुका हूँ और जिस रात वे उसके पास गये, उसी रात सब की मृत्यु हो गयी। पुत्र! अब खाओ-पियो! प्रभु तुम दोनों का भला करे।" टोबीयाह ने उत्तर दिया, "जब तब आप मुझे अपनी पुत्री सारा को देने की प्रतिज्ञा नहीं करेंगे, तब तक मैं कुछ नहीं खाऊँगा-पिऊँगा"। रागुएल ने उस से कहा, "प्रतिज्ञा करता हूँ। मूसा की संहिता के निर्णयों के अनुसार वह तुम्हारी है। उसके साथ तुम्हारा विवाह स्वर्ग में निश्चित किया गया है। अपनी बहन को अपनाओ। अब से तुम उस के भाई हो और वह तुम्हारी बहन है। आज वह सदा के लिए तुम्हें दी जाती है। पुत्र! स्वर्ग का ईश्वर तुम्हारा कल्याण करे और इस रात तुम पर दया करे और शान्ति प्रदान करे।"

12) रागुएल ने अपनी पुत्री सारा को बुलाया और वह उसके पास आयी। उसने उसका हाथ पकड़ कर यह कहते हुए उसे टोबीयाह को दिया, "मूसा के ग्रन्थ में निर्धारित विवाह-विधि के अनुसार इसे अपनाओ। यह तुम्हारी पत्नी है। इसे सकुशल अपने पिता के घर ले जाओ। स्वर्ग का ईश्वर तुम लोगों को सुरक्षित यात्रा और शान्ति प्रदान करे।"

13) उसने उसकी माता को बुला कर काग़ज़ मँगवाया, जिससे वह विवाह के अनुबन्ध-पत्र पर यह लिखे कि उसने मूसा की संहिता के अनुसार उसे टोबीयाह को पत्नी के रूप में दिया है। माता काग़ज लायी और उसने अनुबन्ध-पत्र लिख कर उस पर हस्ताक्षर किये।

14) इसके बाद वे खाने-पीने लगे।

15) रागुएल ने अपनी पत्नी एदना को बुला कर उस से कहा, "बहन! दूसरा कमरा तैयार करो और सारा को वहाँ ले जाओ"।

16) उसने जा कर उसके कहने के अनुसार पलंग तैयार किया और अपनी पुत्री को कमरे में ले जा कर उसके लिए रोने लगी। तब उसने आँसू पोंछ कर उस से कहा, "बेटी! ढारस रखो। स्वर्ग का ईश्वर तुम को दुःख के बदले आनन्द प्रदान करे। ढारस रखो।" इसके बाद वह चली गयी।



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