📖 - स्तोत्र ग्रन्थ

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अध्याय 124

1) यदि प्रभु ने हमारा साथ नहीं दिया होता- इस्राएल यह दोहराये-

2) यदि प्रभु ने हमारा साथ नहीं दिया होता, तो जब लोगों ने हम पर चढ़ाई की

3) और हम पर उनका क्रोध भड़का, तब वे हमें जीवित ही निगल गये होते।

4) बाढ़ हमें डुबा गयी होती, प्रचण्ड धारा ने हमें बहा दिया होता

5) और चारों ओर उमड़ती लहरों में हम डूब कर मर गये होते।

6) धन्य है प्रभु! उसने हमें उनके दाँतों का शिकार नहीं होने दिया।

7) हमारी आत्मा, पक्षी की तरह, बहेलिये के फन्दे से निकल गयी है। फन्दा टूट गया और हम निकल भागे।

8) प्रभु का नाम ही हमारा सहारा है। उसने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है।



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