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📖 - स्तोत्र ग्रन्थ

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अध्याय 87

1) प्रभु ने पवित्र पर्वत पर अपना नगर बसाया है।

2) वह याकूब के अन्य नगरों की अपेक्षा सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है।

3) ईश्वर के नगर लोग तेरा गुणगान करते हैं।

4) "मिस्र और बाबुल के लोग उसके नागरिक कहलायेंगे। फिलिस्तिया, तीरुस और इथोपिया सियोन को अपना जन्मस्थान मानेंगे।

5) "सब लोग सियोन को अपनी माता कहेंगे; क्योंकि सब वहीं उत्पन्न हुए हैं। सर्वोच्च प्रभु उसे सुदृढ़ बनाये रखता है।"

6) प्रभु राष्ट्रों की सूची में उनके विषय में लिखता है कि सियोन उनका जन्मस्थान है।

7) सब-के-सब नृत्य करते हुए सियोन का गुणगान करते हैं।



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